नई दिल्ली : चीन में उइगर मुसलमानों के साथ हो रहा अत्याचार दुनिया की नजरों से छुपा नहीं है, आए दिन चीन के री-एजुकेशन सेंटरों से उनके साथ हो रही प्रताड़ना की खबरें सामने आती हैं.
नई रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि शिनजियांग में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने के लिए बड़े डेटा का इस्तेमाल किया जाता है, 2000 से अधिक बंदियों की लीक हुई सूची से इस बात का पता चलता है.
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न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स ग्रुप की रिपोर्ट डेटा का विश्लेषण करने के बाद कहती है कि अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को हिरासत में लिया जाता है, रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में पुलिसिंग के लिए एक बड़ा डेटा प्रोग्राम का इसेतमाल करता है.
जिसकी मदद से मनमाने ढंग से संभावित हिरासत के लिए तुर्क मुसलमानों का चयन करता है, एचआरडब्ल्यू को प्रदान की गई रिपोर्ट में अक्सू प्रान्त से 2,000 से अधिक बंदियों की सूचि में चीन द्वारा मुस्लिम आबादी के दमन के ज्यादा सबूत मिलते हैं.
आईजेओपी कार्यक्रम रूप से कुरान का अध्ययन, धार्मिक कपड़े पहनने या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने सहित पैरामास के अनुसार दूरस्थ क्षेत्र में स्थापित विवादास्पद शिविरों के लिए संभावित बंदियों का चयन करता है.
एचआरडब्ल्यू की एक वरिष्ठ चीन शोधकर्ता माया वांग ने कहा, “अक्सू सूची बताती है कि कैसे चीन के शिनजियांग के शिविर तुर्क मुसलमानों का टेक्नोलॉजी के जरिए क्रूर दमन करते हैं, ये सूचि इस बारे में और जानकारी प्रदान करती है.”
“चीनी सरकार उन सभी लोगों के परिवारों के प्रति जवाबदेह है जो भी उस लिस्ट मे शामिल थे और अब वे कहां है?” वांग ने कहा, “पहली बार अक्सू सूचि में हमने IJOP को लोगों को हिरासत में लेने की कार्रवाई में देखा है.”
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार के अधिवक्ताओं के विशेषज्ञों ने कहा है कि शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के शिविरों में कम से कम एक लाख मुस्लिम उइगर समुदाय के लोगों को हिरासत में लिया गया है.
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चीन ने उइगरों को कैद करने की बात से इनकार करते हुए कहा है कि सरकार ने व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए हैं, जो स्थानीय लोगों को डराने और आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ने के लिए थे.
चीन ने कहा कि वहां कैद किए गए लोगों को आजाद कर दिया गया है. शिनजियांग शिविरों तक जाकर इस बात की पुष्टि करना बेहद मुश्किल है जिससे ये पता लगाया जा सके कि सभी शिविर बंद हो गए हैं या नहीं.
HRW रिपोर्ट कहती है, “शिनजियांग के तुर्क मुस्लिमों की व्यापक निगरानी और मनमाने ढंग से हिरासत में रखना चीन के संविधान और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
संविधान के अनुच्छेद 37 में कहा गया है कि सभी गिरफ्तारी को या तो खरीदकर्ता या अदालतों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए”.