पिछले कई दिनों से मीडिया चीन की मोबाइल कम्पनियों के पीछे पड़ा हुआ है अगर आप जानना चाहते हैं कि ऐसा क्यो है तो पोस्ट अंत तक पढ़िएगा आज खबर आयी है कि 2019-20 में चीनी ब्रांड शाओमी, ओप्पो, वीवो ने हर साल एक लाख करोड़ से अधिक के फोन भारतीय बाजारों में बेचे लेकिन एक रुपये का सरकार को टैक्स नही दिया .
आपको याद होगा मोदी जी ने एक बार बड़ी लम्बी फेंकी थी कि मोबाइल फोन उत्पादन में भारत महाशक्ति बन रहा है 2014 से पहले देश में दो मोबाइल कंपनियां थीं जो अब 125 हो गई हैं। यह सही है कि कंपनिया तो बढ़ गयी लेकिन उससे देश को क्या फायदा हुआ ? सारा पैसा तो चीन चला गया टैक्स के नाम पर तो फूटी कौड़ी भी हाथ नही आई !
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शाओमी, ओप्पो और वीवो ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की फाइलिंग में घाटा दिखाया है। जबकि इस दौरान उनकी जबरदस्त बिक्री रही। ज्यादा फोन बेचने वाली कंपनियों की लिस्ट में वे टॉप पर रहीं। कागजो में देश के स्मार्टफोन मार्केट में लीडर होने का दावा करने वाली शाओमी भारत में भारी नुकसान दिखा रही है। 2018-19 में उसने 2447 करोड़ रुपए और 2019-20 में 3277 करोड़ रुपए का नुकसान दिखाया.
क्या आपको लगता है कि सच मे यह मोबाइल कंपनिया नुकसान में है. अब आप।कहेंगे कि इसमे मोदी जी की क्या गलती है आप बार बार उन्हें क्यो घसीट लेते हो.
आपको याद दिला दू कि जब मोदी 2014 में पहली बार सत्ता में आए थे तो भारतीय बाजार में का एक लोकल ब्रांड माइक्रोमैक्स बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा था 2014 के दूसरे क्वार्टर में उसकी बिक्री सैमसंग के बराबर हो गई थी लगभग 17 प्रतिशत मार्केट पर माइक्रोमैक्स का कब्जा था इसके अलावा लावा, कार्बन, ओर इंटेक्स जैसे भारतीय ब्रांड भी मार्केट में छाए थे
लेकिन जैसे ही मोदी सत्ता में आए उनकी बनाई नीतियों ने चीनी ब्रांड को प्रमोट करना शुरू कर दिया
2018 में चीनी कंपनिया बाजार के 60 फीसद पर कब्जा कर के बैठी थी और अगले साल 2019 में भारत के 72 फीसद स्मार्टफोन बाजार पर चीनी ब्रांड का कब्जा हो गया
चाइनीज कंपनियों का दबदबा बढ़ने के कारण माइक्रोमैक्स और इंटेक्स जैसी कंपनियों को निर्माण कार्य से जुड़े लोगों की छंटनी होती चली गयी. मोदी की नीति मेक इन इंडिया की थी. लेकिन उन्होंने प्रमोट चाइनीज ब्रांड को किया
आज 2021 में चाइनीज कंपनी बीबीके ग्रुप (ओप्पो, वीवो, रीयलमी और वनप्लस ) ओर श्याओमी ( रेडमी और पोको ) भारत के लगभग 85 प्रतिशत मार्केट को कब्जे में कर चुकी है
अब आप कहेंगे कि सालो से यह सब हो रहा है तो आज ही मोदी सरकार की नींद कैसे खुल गयी ?
नींद तो आज ही खुलेगी न पिछले साल तो भारत सरकार को टैक्स नही देते हुए ये चीनी मोबाइल कंपनियों का PMCARE में गुप्त दान दे रही थी Xiaomi– ₹10 करोड़, Huawei– ₹7 करोड़, One Plus– ₹1 करोड़, Oppo– ₹1 करोड़. तो मोदी सरकार इसलिए पिछले साल बात को दबाकर रखा. इसके अलावा वीवो ने बीसीसीआई से आईपीएल की स्पॉन्सरशिप 2022 तक के लिए ले ली थी आप जानते है ही कि अमित शाह के सुपुत्र जय शाह बीसीसीआई के सचिव है. आज खबर आई है कि वीवो ने आईपीएल की स्पांसरशिप बीच मे ही छोड़ दी है…. आज से टाटा आईपीएल का स्पॉन्सर होगा.
साफ है कि अंदरखाने में कोई डील चल रही होगी जिसके लिए दबाव बनाने के लिए एक रुपया टैक्स न देने की खबर प्लांट की जा रही है