नई दिल्ली: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति में एकतरफा बदलाव के चीनी प्रयासों पर सेना की प्रतिक्रिया बहुत मजबूत रही और चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के साथ बातचीत करते हुए भी सेना ने अभियान संबंधी अपनी तैयारियों का उच्चतम स्तर बरकरार रखा हुआ है।
नरवणे ने कहा कि आंशिक तौर पर भले ही सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है, एलएसी विवाद पर बातचीत जारी है, इस बीच घुसपैठ की कई कोशिशें नाकाम हुई है।
भारत की उत्तरी सीमा पर बनी स्थिति को लेकर सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि हम चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ दृढ़ और मजबूत तरीके से निपटना जारी रखेंगे, किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जरुरी सुरक्षा कदम उठाए गए हैं।
सेना प्रमुख ने बताया कि उत्तरी सीमाओं के पास अवसंरचना के उन्नयन एवं विकास का कार्य समग्र और व्यापक तरीके से किया जा रहा है, लॉन्च पैड पर आतंकवादियों की संख्या बढ़ी है, यह एक बार फिर हमारे पश्चिमी पड़ोसी के नापाक मंसूबों को उजागर करता है, असम राइफल्स बटालियन बढ़ाने की योजना है।
नरवणे ने कहा कि पिछले साल जनवरी से, हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सकारात्मक विकास हुआ है।
नरवणे ने कहा कि यह देखने के लिए बड़े प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी दोहरे उपयोग वाले बुनियादी ढांचे कौन-कौन से हैं और उनका क्या उपयोग किया जा सकता है, नगालैंड में चार दिसंबर को हुई गोलीबारी की घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।