छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से करारी शिकस्त के बाद बीजेपी सत्ता से दूर हो गई है। कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने जा रही है। नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले यह ख़बर आ रही है कि पुराने सरकारी दस्तावेज़ों को मिटाने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि पूर्व गृहमंत्री राम सेवक के आवास में सैकड़ों सरकारी गोपनीय फाइलें जलाई गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो फाइलें जलाई गई हैं वो पुलिस महानिरीक्षक से लेकर एसपी कार्यालय से जुड़ी गोपनीय फाइलें थीं। ख़बर यह भी है कि जिस वक्त फाइलें जलाई जा रही थीं, उस वक्त राम सेवक आवास में ही मौजूद थे। फाइलों को जलाए जाने के बाद सूबे की पूर्व बीजेपी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। माना जा रहा है कि घोटालों को छुपाने के लिए फाइलों को जलाया गया है। वहीं गृहमंत्री की ओर से अभी तक इसपर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, उनके निजी सचिव ने इस मामले पर बोलने से इनकार कर दिया है।
फाइलों को जलाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले गुरुवार को भी स्टेट इंटेलिजेंस ने गुपचुप तरीके से अवंति विहार के पीछे सूनसान इलाके में दस्तावेज जला दिया। इस दौरान डीएसपी रैंक के अफसर खुद एक-एक दस्तावेज को देखकर जला रहे थे। हालांकि इंटेलिजेंस के अफसर नियमों के तहत और रद्दी होने का दावा करते रहे।

जानकारों की मानें तो फाइलों को जलाने के पीछे घोटालों को छुपाना वजह हो सकती है। छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से राजकाज संभालने वाली रमन सिंह सरकार पर कई महा घाटालों के आरोप लग चुके हैं। 36 हज़ार करोड़ रू का सिविल सप्लाई घोटाला, 54 हज़ार करोड़ रू का इंदिरा प्रियदर्शनी घोटाला, 2100 करोड़ का चिट-फंड घोटाला, 200 करोड़ रू का माइनिंग घोटाला और 10 हज़ार करोड़ रू का ऊर्जा घोटाला।
ये सारे घोटाले भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ही हुए हैं। ऐसे में जिस गति से कांग्रेस के सत्ता संभालने से पहले भाजपा के मंत्री और उनके कार्यकाल में काम करने वाले कर्मचारी दस्तावेजों को जला रहे हैं उसे यह साबित होता है कि भाजपा ज़रूर कुछ बड़ा घोटाला छुपाने की कोशिश कर रही है।