केंद्र सरकार ने PFI को बैन कर दिया है। PFI को प्रतिबंधित करने की मांग कई राज्यों ने की थी। हाल ही में NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने PFI के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं। गृह मंत्रालय ने PFI को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया। PFI के अलावा 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है।
गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं। केंद्र सरकार ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया है। सरकार ने कहा, PFI और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।
कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने मलप्पुरम में कहा, ‘हम RSS पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। PFI पर बैन कोई उपाय नहीं है। RSS भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है। RSS और PFI दोनों समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केवल पीएफआई ही क्यों?’
बता दें कि 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।