नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और MSP की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन को शुक्रवार को 100 दिन पूरे हुए। सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने KMP व KGP को 11 बजे से शाम 4 बजे तक शांतमयी ढंग से बंद रखा।
इस सफल आयोजन के सहारे किसानों ने यह संदेश दिया है कि किसी भी मौसम में लोगो का हौंसला गिरने वाला नहीं है। किसानों का कहना है कि उन्हें बदनाम करने के अनेक प्रयास किये गए पर हर बार सरकार की साजिश को किसानो ने बेनकाब किया है।
आज हज़ारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली को जोड़ने वाले एक्सप्रेस को ब्लॉक कर उन ताकतों को भी जवाब दिया जिनका यह मानना था कि अब मोर्चो पर भीड़ खत्म हो गई है
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हरियाणा के फरमाणा चौबीसी में किसान नेताओ ने महापंचायत आयोजित की जिसमें किसानो ने 3 खेती कानूनो को सिरे से रद्द करने, MSP की कानूनी अधिकार व अन्य मांग रखी। हरियाणा के ही तुर्कियावास व दहिना में कृषि कानूनो का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया।
नारायणगंज, मंडला में नेशनल हाईवे मैली चौराहा से भारी संख्या में रैली रूप में तहसील कार्यालय पहुंचकर किसानों ने किसान विरोधी काले कानून को रद्द करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। मुरादाबाद जिले के सौंदारा में भी किसानो NAPM के नेतृत्व में आम सभा आयोजित की।
सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मोदी सरकार के MSP पर झूठे दावों एवं वादों की पोल खोलता हुआ ‘MSP दिलाओ अभियान’ दिनों दिन तेज हो रहा है। कर्नाटक में गुलबर्गा के बाद बेल्लारी में यह अभियान चलाया गया।
किसान आंदोलन के 100 दिन होने पर दक्षिण भारत के कई हिस्सों में किसानों ने मानव शृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। हैदराबाद ने गनपार्क में किसानों व जागरूक नागरिकों ने मानव शृंखला बनाई। तेलंगाना के नालगोंडा में कल किसानो का सम्मेलन हुआ जिसमें 3 खेती कानूनो का विरोध किया गया।
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लंबे समय तक जनांदोलन में सक्रिय रूप से और पत्रकारिता में ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम कर रहे वरिष्ठ पत्रकार मेजर सिंह का आज निधन हो गया। पंजाब की समस्त किसान यूनियन मेजर सिंह जी को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करती है। जन संघर्ष और पत्रकारिता के रास्ते सामाजिक परिवर्तन में उनका योगदान सराहनीय है व पंजाब उनके योगदान हमेशा याद रखेगा।
8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को सयुंक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मना रहा है। इस दिन देशभर की महिलाओं से दिल्ली बोर्डर्स पर पहुंचने की अपील की जाती है। साथ ही महिला संगठनों से अपील की जाती है कि वे अपने अपने मंच पर महिला किसान दिवस मनाएं।