दिल्ली की केजरीवाल सरकार अगले साल से सीबीएसई के सरकारी स्कूलों के सभी छात्रों की परीक्षा फीस भरेगी। यह एलान शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में की। उक्त कार्यक्रम का आयोजन बोर्ड परीक्षा में कक्षा 12वीं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित करने के लिए किया गया था।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘उच्च गुणवत्ता शिक्षा तक पहुंच सभी बच्चों का अधिकार है। सरकार छात्रों की परीक्षा फीस का भुगतान करेगी। जल्द ही सरकार नीट और जेईई के लिए छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था करेगी।” शिक्षामंत्री ने ऐलान किया कि सरकारी स्कूल के छात्रों को सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की फीस भी नहीं देनी होगी। अभी तक 1500 रुपये देने पड़ते थे।
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ” स्कूल के बाद की पढ़ाई के लिए दिल्ली सरकार ने स्कॉलर्शिप भी शुरू की है – 1 लाख से कम आय वाले परिवार के बच्चों के लिए 100% फ़ीस के बराबर, 1 से 2.5 लाख आय वाले परिवार के बच्चों के लिए 50% फ़ीस के बराबर, 2.5 से 6 लाख आय वाले परिवार के बच्चों के लिए 50% फ़ीस के बराबर।”
छात्रा के सवाल पर फीस माफी की घोषणा : सिसोदिया ने यह ऐलान एक छात्रा के सवाल के बाद किया। छात्रा ने पूछा था कि 12वीं बोर्ड परीक्षा में सामान्य वर्ग को डेढ़ हजार रुपये फीस देनी पड़ी जबकि एसटी वर्ग से मात्र 50 रुपये लिए गए। इस पर उपमुख्यमंत्री ने शिक्षा सचिव और निदेशक से कहा कि इनकी परीक्षा फीस तो हम भर ही सकते हैं। .
उद्यमिता के लिए मदद : दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालय या कॉलेज में दाखिला लेने वाले छात्रों को सरकार पांच हजार रुपये उद्यमिता शुरू करने के लिए देगी। इससे वह कुछ भी शुरू कर सकते हैं। सिसोदिया ने उदाहरण देकर कहा कि आप उन पैसों की पेन खरीदें और उसे मुनाफे में बेचें। छात्रों को मुनाफा कमाकर दिखाना है।
कर्ज की गारंटी लेंगे
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी छात्र पढ़ाई के लिए कर्ज लेता हैतो सरकार गारंटी लेगी। दस लाख तक का कर्ज दिया जाएगा ताकि पढ़ाई न छोड़नी पड़े। सरकार सिविल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की व्यवस्था भी करेगी। जेईई और नीट की तैयारी के लिए भी मदद दी जाएगी। विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।