नई दिल्ली: सीएए और एनआरसी को लेकर लोग सडकों पर हैं, विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार है। सभी दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं इस बीच विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर भारत ने दुनिया भर के देशों से संपर्क किया। उन्होंने आगे कहा कि हम भारत-जापान शिखर सम्मेलन के लिए जापान के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि जल्द ही हम तारीख को फाइनल कर लेंगे।
मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि एनआरसी-सीएए को लेकर हम दुनिया के सभी भौगोलिक हिस्सों में बसे देशों तक पहुंचे हैं। हमने इनके बारे में अपने दूतावासों को लिखा है और उनके मेजबान देशों से इस होने वाली प्रक्रिया के बारे में हमारे विचार साझा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए आंतरिक प्रक्रियाएं हैं। सीएए किसी भारतीय की नागरिकता नहीं लेता और इससे संविधान का आधारभूत ढांचा प्रभावित नहीं होगा।
आगे रवीश कुमार ने कहा, ‘हमने अपनी स्थिति को बांग्लादेश से स्पष्ट कर दी है। हमने कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। इस मुद्दे पर जो भी रिपोर्ट आ रही हैं, वे सूत्रों पर आधारित हैं, प्रामाणिक नहीं हैं…इन पर टिप्पणी नहीं कर सकते।’
इस दौरान रवीश कुमार ने भगोड़े मेहुल चौकसी को भारत को सौंपने के लिए एंटीगुआ और बारबुडा सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा कि हमने एंटीगुआ और बारबुडा सरकार से अनुरोध किया है कि यदि वे कानूनी कार्यवाही में तेजी ला सकते हैं, तो मेहुल चोकसी के भारत में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
बता दें कि एनआरसी और सीएए को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कई विश्वविद्यालयों के छात्र धरने पर बैठें हैं तो अन्य लोग सड़कों पर अलग अलग तरीके से अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं। मालूम हो कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में दिल्ली की कड़ाके की ठंड में सुबह से लेकर शाम तक आंदोलन में बैठी हुई हैं ।