उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन दिवसीय तबलीगी इज्तिमा का आयोजन किया जा रहा है, जो दिसंबर की 1,2 और 3 तारीख को होगा। इस इज्तिमा में देश और विदेश की जमातें शिरकत करेंगी। जिनके स्वागत के लिए इलाके के नौजवान ज़ोर-शोर से तैयारियों में जुट गए हैं। मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, इस इज्तेमा का आयोजन तकरीबन 1000 पीघे के मैदान में किया जा रहा है। जिसके लिए एनएच 91 पर अकबरपुर और दरियीपुर समेत कई गांवों की ज़मीन ली गई है।
इज्तेमा की तैयारी का काम पिछले डेढ़ महीने से चल रहा है, जिसमें करीब एक से डेढ़ हजार लोग हर दिन काम कर रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि इस आयोजन में एक भी मजदूर को नहीं लगाया गया है। सभी लोग मुफ्त में अपनी सेवा दे रहे हैं। इज्तिमा में शरीक होने वाले लोगों के लिए बेहतरीन इंतेज़ाम किए गए हैं। शानदार बैठने के इंतेज़ाम से लेकर तात्तकालिक मस्जिद, उम्दा वज़ू खाने, पीने का साफ़ पानी, साफ़ सुथरे शौचालय के निर्माण और सर्दी-बारिश से बचने के लिए आकर्षक तम्बू टेंट की व्यवस्था की गई है।
इसके साथ ही इज्तिमा में आने वाले लाखों लोगों की सहूलियत के लिहाज़ से हर बिमारी और अनहोनी से बचने के लिए दवाखाने, डिस्पेंसरियां भी कायम की गई हैं। इज्तिमा में शरीक होने वाले लोगों को रोज़ाना के ज़रूरी समान भी यहां आसानी से मुहैया होंगे। यहां पंसारी की दुकानें व कपड़े आदि सहित हर सामान सस्ता और बेहतर मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए स्वंय सेवी संस्थाएं और रज़ाकार अपने कैम्प लगाए हुए हैं। इज्तिमा में तत्कालिक तौर पर थाने का भी निर्माण किया गया है, ताकि शरारती तत्वों के किसी भी हरकत को वक्त रहते नाकाम किया जा सके।
बता दें कि तबलीगी जमाअत का काम मौलाना इलियास साहब ने 1926 में शुरू किया था। 1944 में उनके इंतकाल के बाद मौलान यूसुफ़ साहब ने इसकी कमान संभाली। उन्होंने इस ज़िम्मेदारी को बेहतर करीके से निभाया, जिससे तबलीगी जमाअतों का आना-जाना शुरू हो गया। उनके बाद मौलाना इनामुल हसन ने इस ज़िम्मेदारी को संभाला। मगर 1995 में उनके इंतकाल के बाद से इस ज़िम्मेदारी को मौलाना साद साहब अंजाम दे रहे हैं, जो आज भी पूरी दुनिया में पूरे जोर शोर से जारी है।