भारत में 9 हजार करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग और घोटाले के आरोपी शराब किंग विजय माल्या को ‘न्याय से भागने वाला’ माना जा सकता है। ब्रिटिश हाईकोर्ट के जज एंड्रयू हेनशॉ ने ये फैसला सुना दिया है। इसके लिए उन्होंने इस तथ्य को अहम माना कि 62 वर्षीय बिजनेसमैन वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप में भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ लड़ रहा है। जज हेनशॉ ने मंगलवार को माल्या की वह याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें उसने दुनिया भर में फैली अपनी संपत्ति को फ्रीज करने के आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई थी।
ब्रिटेन की कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि विजय माल्या को “कानून से भगोड़ा” करार दिए जाने का आधार है। भारत के 13 बैंकों के समूह ने माल्या से 1.55 अरब डालर (10 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा की वसूली के लिए यहां एक मामला दर्ज कराया था।
माल्या पर आरोप है कि उसने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए गए लगभग 9,400 करोड़ रुपये के कर्ज को जानबूझकर नहीं चुकाया।
जज ने अपने फैसले में लिखा है कि उपरोक्त सभी हालात और प्रत्यर्पण का विरोध किए जाने को देखते हुए, माल्या को कानून से भगोड़ा करार दिए जाने का आधार है। माल्या पर भारत में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी व मनी लांड्रिंग का आरोप है। इन मामले के सामने आने के बाद वह देश छोड़कर भाग गया था।
आपको बता दें की 62 साल के विजय माल्या पर ब्रिटेन में कई मुकदमे चल रहे हैं। भारत में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग को लेकर मुकदमे दर्ज हैं। भारत सरकार की ओर से जारी वारंट पर कार्रवाई करते हुए माल्या को पिछले साल 18 अप्रैल को लंदन में गिरफ्तार किया गया था।