ज़ीशान अहमद खान
यौन शोषण के आरोपों से घिरे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। कोर्ट ने बृजभूषण की नियमित जमानत अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं और गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा।
इससे पहले इस मामले की सुनवाई कर रहे जज ने आरोपी और अभियोजन पक्ष के वकीलों के साथ-साथ शिकायतकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था। शाम चार बजे अदालत ने दोनों आरोपियों को सशर्त नियमित जमानत दे दी।
जमानत के लिए बृजभूषण शरण सिंह के अनुरोध का विरोध करते हुए पहलवानों की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा कि वे एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। वकील ने कहा कि सिंह को बताया जाना चाहिए कि वे शिकायतकर्ताओं या गवाहों से संपर्क नहीं कर सकते। इस पर WFI के वकील राजीव मोहन ने जवाब दिया कि सिंह से कोई खतरा नहीं होगा। महिला पहलवानों ने पहले सरकार द्वारा गठित निरीक्षण पैनल की मंशा पर सवाल उठाया था। यह पैनल यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहा है। महिला पहलवानों ने आरोप लगाया था कि यह पैनल भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के प्रति पक्षपाती है।
बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह पर 6 महिला पहलवानों और एक नाबालिग पहलवान ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। सिंह के खिलाफ जांच और पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन भी चला था। केंद्र सरकार से इस मामले की जांच कराने और सजा दिलाने की मांग की गई थी। दिल्ली पुलिस ने पहसवानों की मांग पर केस दर्ज किया था।