नई दिल्ली: मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ अवाज़ उठाने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और एनडीए सरकार में वित्त और रक्षा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी संभाल चुके यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। यशवंत सिन्हा ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि आज वह बीजेपी की किसी भी तरह की राजनीति से संन्यास लेते हैं और पार्टी के साथ अपने सारे संबंधों को खत्म कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश को मौजूदा हालत में पहुंचाने वाले लोगों को वह बर्बाद कर देंगे। यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि 2014 में चुनावी राजनीति छोड़ने के बाद मेरी चिंताएं खत्म हो गई थीं, लेकिन मैं बता दूं कि मेरा दिल आज भी देश के लिए धड़कता है। मैं तब तक शांत नहीं बैठूंगा जब तक देश में मुश्किलें हैं।’
उन्होंने देश के लोकतंत्र को खतरे में बताते हुए कहा, ‘यह सरकार की साजिश थी कि इस साल बजट सत्र ठीक से संचालित नहीं होने दें। पीएम ने सदन को ढंग से चलाने के लिए विपक्षी सांसदों से बातचीत क्यों नहीं की। सरकार सदन के न चलने से खुश थी, क्योंकि रोज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा थ।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी कहा था कि सदन में शोरगुल होने की वजह से वह ढंग से 50 सांसदों की गिनती नहीं कर सकी। उन्होंने लोकतंत्र का मजाक बना दिया।’ इसके साथ ही सिन्हा ने न्यायपालिका को भी खतरे में बताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चार शीर्ष जजों ने सुप्रीम कोर्ट के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे। जो कि चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग भी स्वतंत्र नहीं है। सिन्हा ने कहा कि जब नवंबर में हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए, उसी समय गुजरात में चुनाव हो जाते तो बीजेपी गुजरात में हार जाती।