नई दिल्ली : दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी से त्रस्त एक शिक्षक ने पत्र लिख कर राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। उसने कहा है कि उसे एमसीडी से वेतन दिलवाया जाए या आत्म’हत्या की इजाजत दी जाए।
दुर्गेश पाठक ने कोरोना काल में कई महीने से शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने की वजह से उनकी आर्थिक हालात बदतर हो गई है। मुझे नहीं लगता कि इससे दुर्भाग्य’पूर्ण स्थिति किसी भी संस्थान के लिए हो सकती है।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोर्ट में भाजपा शासित एमसीडी ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार पर 13000 करोड़ रुपये बकाए का जिक्र नहीं किया और अब पैसे की मांग कर रही है।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा, केजरीवाल सरकार को बदनाम करने और एमसीडी के 2500 करोड़ रुपये के घोटाले से दिल्ली वालों का ध्यान हटाने के लिए झूठ बोल रही है। की मांग है कि झूठ बोल रहे दिल्ली भाजपा के नेता लोगों से माफी मांगें और एमसीडी कर्मचारियों का रुका वेतन तत्काल भुगतान करें।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि पार्टी एक तरफ बीजेपी के 2500 करोड़ रुपए के घोटाले के खिलाफ लड़ रही है और दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे पर पूरी तरह से चुप है।
पाठक ने कहा कि शिक्षक सिद्धनाथ सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि इस कोरोना महामारी के काल में पहले ही स्थिति इतनी गंभीर बनी हुई है और उस पर भाजपा शासित नगर निगम ने लगभग पिछले 5 महीने से अध्यापकों का वेतन नहीं दिया है।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि अब स्थिति यह हो गई है कि या तो वह भीख मांग कर अपने परिवार का पेट पालें या उन्हें आत्म’हत्या करने की अनुमति दी जाए। इससे ज्यादा दय’नीय स्थिति शायद ही किसी सरकारी विभाग की होगी।
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दुर्गेश पाठक ने कहा कि जब भी कोई मीडिया कर्मी या विपक्षी पार्टी के लोग भाजपा से यह प्रश्न पूछते हैं कि आप नगर निगम में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन क्यों नहीं दे रहे हैं, तो वह रट्टू तोते की तरह एक झूठा बहाना लेकर बैठे हुए हैं।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि वे कहते हैं क्योंकि दिल्ली सरकार ने उनका 13000 करोड़ रुपए बकाया नहीं दिया इसलिए वह अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा के इसी झूठ के चलते सफाई कर्मचारियों का एक यूनियन इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में पहुंच गया।
दुर्गेश पाठक ने बताया कि इन दोनों आदेशों में कहीं पर भी नहीं लिखा हुआ है कि दिल्ली सरकार पर नगर निगम का एक भी रुपया बकाया है।
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दुर्गेश पाठक ने कहा कि न केवल कोर्ट ने बल्कि नगर निगम के वकीलों ने भी पूरे मामले में कहीं पर भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि नगर निगम को दिल्ली सरकार से 13000 करोड रुपए लेने हैं।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोर्ट के आदेशों से यह साबित हो जाता है कि मुख्यमंत्री के घर के बाहर जो भाजपा के मेयर और निगम पार्षद धरने पर बैठे हैं और पूरी दिल्ली में जगह-जगह जो होर्डिंग भाजपा ने लगाए हैं वह केवल और केवल दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए किया जा रहा है।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा यह सब केवल इसलिए कर रही है ताकि जनता उनसे नगर निगम में हुए 2500 करोड रुपए के गबन पर प्रश्न ना पूछे, दिल्ली की साफ-सफाई को लेकर प्रश्न ना पूछे। नगर निगम में जो भाजपा का भ्रष्टाचार का कारखाना चल रहा है उसकी पोल ना खुल जाए।