नई दिल्ली : दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भाजपा शासित एमसीडी को कर्मचारियों का वेतन देने के लिए 1095 करोड़ रुपये दे दिए हैं।
दिल्ली भाजपा प्रमुख से लेकर महापौर दावा कर रहे हैं कि केजरीवाल सरकार ने पैसा जारी नहीं किया है, जबकि बैंक कागजात साबित कर रहे हैं कि पैसा खाते में जमा हो चुका है। भाजपा ने भ्रष्टाचार में इन 1095 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल किया है।
इन रुपयों को अपने नेताओं में बांट दिया है। भाजपा जानती है कि उनके पास एमसीडी में अब सिर्फ एक साल बचा है। इसके कारण एमसीडी को पूरी तरह से लूटने की कोशिश कर रहे हैं।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि आप सबको ध्यान होगा कि कुछ दिन पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन ने मीडिया से मुखातिब होकर बताया था
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किस प्रकार दिल्ली सरकार के पास पैसे ना होने के बावजूद और किस प्रकार से कई सारी योजनाओं के पैसे काटकर, एमसीडी के अंदर सफाई कर्मियों की जो हड़ताल चल रही है, जो शिक्षक हड़ताल पर बैठे थे, उनके लिए 938 करोड रुपए जारी किया था। वो 938 करोड़ दिल्ली की जनता से टैक्स जुटाए हुए पैसे थे।
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली सरकार से कोई पैसा ना मिलने के बयान पर दुर्गेश पाठक ने कहा कि आप सबको ध्यान होगा, हमने बहुत सारी योजनाओं को काटकर, क्योंकि कोरोना के समय में दिल्ली का बजट बहुत नीचे गिर गया था, इसके बावजूद हमने किसी भी तरह से 938 करोड रुपए जुटाकर एमसीडी को दिए जिससे एमसीडी अपने कर्मचारियों को तनख्वाह दे पाए।
लेकिन अगले ही दिन से, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता जी हों, चाहे वह नॉर्थ एमसीडी के महापौर जय प्रकाश जी हों, चाहे वह ईस्ट एमसीडी के महापौर हों, चाहे वह साउथ एमसीडी के महापौर हों, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी के सभी प्रवक्ता हों और चाहे वह भारतीय जनता पार्टी के सभी लीडर हों,
सब लोग बस इसी बात की रट लगा रहे हैं कि उनके पास पैसे नहीं पहुंचे। आप लोगों ने भी बहुत सारे प्रश्न पूछे कि उनके पास पैसे पहुंचे कि नहीं पहुंचे क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि उनतक कोई पैसा नहीं पहुंचा है।
दिल्ली सरकार के अकाउंट से भारतीय जनता पार्टी के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हुआ, इसके सबूत के तौर पर कुछ दस्तावेज पेश करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा, जब से मनीष जी ने कांफ्रेंस की है, तबसे लेकर आज की तारीख तक का मैं यह दस्तावेज लेकर आया हूं जिसके अनुसार अब तक दिल्ली सरकार 1095.8 करोड रुपए एमसीडी को दे चुकी है।
यह पैसे एमसीडी के अकाउंट में सफलतापूर्वक ट्रांसफर हो चुके हैं। लेकिन फिर भी मैं पिछले कुछ दिनों से लगातार इनके नेताओं, महापौर के बयान देख रहा हूं कि उनतक पैसा नहीं पहुंचा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, तीनों महापौर, सभी प्रवक्ता और यहां तक कि उनके सभी नेता भी यही कहते हैं कि हम तक पैसे नहीं पहुंचे।
लेकिन हमारे दस्तावेज दिखाते हैं कि पैसे तो पहुंचे हैं। अगर कागज पर पैसा पहुंच चुका है तो यह 1095 करोड़ रुपए आखिर गए कहां? 1095 करोड रुपए किसकी जेब में गए? दिल्ली सरकार ने पैसे दिए, पैसा उनके अकाउंट में क्रेडिट हुए।
ऐसा लगता है कि यह पैसा भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और पार्षदों ने आपस में बांट लिया। तभी तो यह कह रहे हैं कि पैसे नहीं मिले, जनता को यह बता रहे हैं कि पैसे नहीं मिले और पीछे के दरवाजे से इन्होंने सारा पैसा लूट लिया।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी को पता है कि अब मुश्किल से केवल 1 साल बचा है। मैं भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं से मिलता हूं तो पूछता हूं कि आप इतना भ्रष्टाचार क्यों करते हैं,
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आपको अगली बार चुनाव में भी जाना है तो वह कहते हैं कि यह आखरी साल है इसके बाद तो कुछ होने नहीं वाला है इस साल में जितना पैसा लूट सकते हैं, लूट लें। दिल्ली सरकार ने जो 1095 करोड रुपए उनके अकाउंट में डाले, मुझे लगता है कि इनके नेताओं ने, इनके पार्षदों ने यह सारा का सारा पैसा आपस में मिल बांट कर खा लिया।
इसीलिए इनके प्रदेश अध्यक्ष, इनके महापौर, इनके पार्षद इनके नेता कहते हैं कि पैसे नहीं पहुंचे। मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने यह सारा का सारा पैसा अपने भ्रष्टाचार में खत्म कर दिया, यह सारा का सारा पैसा इनके पार्षदों ने बांट लिया, यह सारा का सारा पैसा इनके नेताओं ने आपस में बांट लिया।