नई दिल्ली : राजनीति में कब क्या हो जाए और कौन किसके समर्थन में और कौन किसके विरोध में खड़ा हो जाए कहा नहीं जा सकता, राजस्थान में निकाय चुनाव हैं कुछ ज़िलों में निकाय चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं और कुछ में 11 दिसंबर को निकाय चुनाव होने हैं.
देश की राजनीति में BJP और कांग्रेस एक दूसरे के विरोधी रहे हैं लेकिन डूंगरपुर में दोनों एक हो गए, डूंगरपुर में BTP का असर लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे BJP और कांग्रेस दोनों ही असुरक्षित महसूस करते हैं.
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BTP ने जिला परिषद प्रमुख और पंचायत समिति प्रधान चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी पर ‘हाथ’ मिलाने का आरोप लगाया है, BTP ने कहा है कि वह गहलोत सरकार से अपने रिश्ते खत्म करेगी.
BTP के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि इन दोनों पार्टियों की ‘मिलीभगत’ से वह डूंगरपुर में अपना जिला प्रमुख और तीन पंचायत समितियों में प्रधान नहीं बना पाई जबकि बहुमत उसके पास था.
घोघरा ने कहा, ‘‘इस घटनाक्रम से कांग्रेस और BJP, दोनों का असली चेहरा सामने आ गया है, हम गहलोत सरकार से अपने रिश्ते खत्म कर रहे हैं और इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी.’’
BTP के दो विधायक हैं जिन्होंने गहलोत सरकार पर संकट के समय और राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस का साथ दिया था.
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BTP की ताजा नाराजगी जिला परिषद प्रमुख व पंचायत समिति प्रधान के लिए बृहस्पतिवार को हुए चुनाव में कांग्रेस व बीजेपी द्वारा कथित तौर पर ‘हाथ’ मिलाने को लेकर है, डूंगरपुर जिला परिषद चुनाव में 27 में से 13 सदस्य BTP के जीते.
BJP के आठ व कांग्रेस के छह प्रत्याशी जीते, इसके बावजूद प्रधान के चुनाव में BJP की सूर्यादेवी अहारी ने निर्दलीय के रूप में पर्चा भरा एक वोट से जीत गयीं.
घोघरा ने कहा कि सात पंचायत समिति चुनाव में पार्टी के पास बहुमत था और उसके प्रधान बनने थे लेकिन इन दोनों पार्टियों की ‘मिलीभगत’ के चलते वह केवल चार जगह प्रधान बना पाई.
घोघरा ने कहा कि इन चुनाव में ‘लोकतंत्र की हत्या करने वाला है और BTP इन दोनों से ही दूरी रखकर आदिवासी लोगों की आवाज उठाती रहेगी.’
BJP के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा,‘‘ हमने चुनाव में किसी को कोई लोभ-लालच नहीं दिया, सबने अपने विवेक के आधार पर फैसला किया.
आत्मा की आवाज के आधार पर कोई भी किसी का समर्थन कर सकता है,’’ वहीं कांग्रेस नेता इस बारे में टिप्पणी से बचते रहे.