साल 2002 के गोधरा दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म और परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। इसमें 13 मई के आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गैंगरेप के दोषियों की रिहाई में 1992 में बने नियम लागू होंगे। इसी आधार पर 11 दोषियों की रिहाई हुई थी।
बिलकिस बानो की तरफ से दाखिल पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि जब मुकदमा महाराष्ट्र में चला, तो नियम भी वहां के लागू होने चाहिए, गुजरात के नहीं। अभी तक सुभाषिनी अली, रूपरेखा वर्मा महुआ मोइत्रा समेत कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ता रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
मीडिया से बातचीत करते हुए बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल ने कहा कि हम गांव में नहीं रहते हैं। कारण, हम वहां सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। हम चाहते हैं कि अपराधी आजीवन जेल में रहें। हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। वहीं चुनाव से तुरंत पहले इस याचिका को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि हमें चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमारी याचिका चुनाव से जुड़ी नहीं है।