नई दिल्ली : सीएम नीतीश कुमार को पांचवीं बार बिहार की सत्ता संभाले हुए 80 दिन हो चुके हैं, उनकी कैबिनेट का विस्तार हो रहा है, जिसपर काफी वक्त से सबकी नजरें थीं, राज्यपाल भवन से इन नए नामों की घोषणा कर दी गई है.
बीजेपी को इस विस्तार में नौ सीटें मिली हैं, वहीं नीतीश की पार्टी के लिए आठ सीटें रखी गई हैं, दोनों के बीच अंतर बहुत कम तो है.
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लेकिन यह शक्ति के समीकरण को उलटने वाले विधानसभा चुनावों के नतीजों की याद दिलाता है, जब बीजेपी ने बिहार में 74 सीटें जीती थीं, बल्कि जेडीयू बस 43 सीटें ही बटोर पाई थी.
ऐसा माना जा रहा है कि इस विस्तार में बीजेपी के नेता शहनवाज़ हुसैन को कैबिनेट की सीट दी जा सकती है, हुसैन केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और बिहार में मंत्री पद की शपथ लेंगे.
इसके पहले वो निर्विरोध MLC बने हैं, उनके अलावा बीजेपी के कोटे से प्रमोद कुमार, आलोक रंजन , नितिन नवीन, नीरज सिंह, नारायण प्रसाद, सुभाष सिंह, सम्राट चौधरी और जनक राम को जगह दी गई है.
जेडीयू से श्रवण कुमार और संजय झा जैसे नीतीश कुमार के वरिष्ठ सहयोगियों के अलावा लेशी सिंह, सुनील कुमार और बीएसपी से शामिल हुए जामा खान का नाम लिस्ट में है.
नीतीश कुमार ने कहा था, ‘जब भी मुझे बीजेपी से लिस्ट मिल जाएगी, हम कैबिनेट विस्तार करेंगे,’ उनके बयानों से बिहार में पावर शिफ्ट का आभास हो रहा था.
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नीतीश कुमार को लेकर बिहार के कैबिनेट में 14 सदस्य हैं, इनमें से सात बीजेपी की सीटे हैं, जिनमें दो उप-मुख्यमंत्री की सीटें हैं और पांच सीटें जेडीयू के पास हैं.
बाकी दो सीटें छोटे गठबंधन के साथियों- जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी को दी गई हैं, कैबिनेट में अधिकतम 36 लोग हो सकते हैं.
बीजेपी जहां विस्तार पर काम कर रही है, वो यह बात सुनिश्चित करना चाहती है कि कैबिनेट में उसके अपने चेहरे गठबंधन साथी जेडीयू से ज्यादा हों, और यह अंतर हर पार्टी के विधायकों के नंबर के आधार पर तय होगा.