सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डीडीए द्वारा रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध में दलित समुदाय के लोगों ने दिल्ली में जमकर प्रदर्शन और तोड़फोड़ की। बुधवार रात होते-होते मामला इतना गंभीर हो गया कि प्रदर्शनकारी तुगलकाबाद के उस इलाके में घुसने की कोशिश करने लगे, जहां मंदिर तोड़ा गया था। उसके चारों ओर बनी दीवार को भी उन्होंने तोड़ने की कोशिश की। पुलिस पर पथराव किया और डंडे बरसाए। मामले में गोविंदपुरी थाना पुलिस ने भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर समेत करीब 80 लोगों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें देर रात गिरफ्तार करने की बात कही गई।
साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की बसों के शीशे तोड़ दिए। कई कारों और बाइकों को आग के हवाले कर दिया। पूरे इलाके में उन्होंने दंगा भड़काने का काम किया। भारी पुलिस बल ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर ही हमला बोल दिया। इससे पुलिस के भी करीब 15 जवान घायल हो गए। मामले में करीब 80 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें सीआरपीएफ का भी एक जवान शामिल है, जो यहां प्रदर्शन करने आया था। मामले में बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों से भारी संख्या में डंडे और सरिये मिले हैं। हालांकि, किसी से अवैध हथियार और तमंचा मिलने से पुलिस ने इनकार किया है।
गुरुवार को प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘दलितों की आवाज का ये अपमान बर्दाश्त से बाहर है। यह एक जज्बाती मामला है। उनकी आवाज का आदर होना चाहिए।’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘बीजेपी सरकार पहले करोड़ों दलित बहनों-भाइयों की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक रविदास मंदिर स्थल से खिलवाड़ करती है और जब देश की राजधानी में हजारों दलित भाई-बहन अपनी आवाज उठाते हैं तो बीजेपी उन पर लाठी बरसाती है, आंसू गैस चलवाती है, गिरफ्तार करती है।’
मंदिर तोड़ने के विरोध में दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की अगुवाई में भी हजारों कार्यकर्ता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। कार्यकर्ता पहले रानी झांसी रोड स्थित अंबेडकर भवन पर इकट्ठा हुए। यहां से प्रदर्शन करते हुए रामलीला मैदान पहुंचे।