राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को देश की गुलाम मीडिया और बीजेपी कोई तवज्जो दे या न दे हकीकत यह है कि इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी की छवि पूरी तरह बदल हो गई है। उनकी तस्वीर बदलने से बीजेपी की परेशानियों और फिक्र में इजाफा होना भी फितरी बात है क्योंकि देश के अवाम में राहुल की तस्वीर जैसे-जैसे एक संजीदा लीडर की बनेगी उसका सीधा नुक्सान बीजेपी और PM नरेन्द्र मोदी को ही होगा।
ईमानदारी से राहुल की यात्रा का जायजा लिया जाए तो इससे मोदी और बीजेपी दोनों का काफी हद तक सियासी नुक्सान हो भी चुका है। इसका अंदाजा तो सीनियर RSS लीडर और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के सर्वे-सर्वा चंपत राय और राम जन्म भूमि मंदिर के चीफ पुजारी आचार्य श्री सतेन्द्र दास के बयानात और खत से सामने आता है।
चंपत राय ने कहा कि देश में पैदल चल रहे नौजवान का शुक्रिया अदा करता हूं, उन्होने कहा कि मैं RSS का वर्कर हूं और RSS कभी भी भारत तोड़ो यात्रा की आलोचना नहीं कर सकता। उन्होने कहा कि वह जिस सख्त मौसम में चल रहे हैं उनकी तारीफ होनी चाहिए।
आचार्य शैलेन्द्र दास ने तो बाकायदा लम्बा-चौड़ा खत लिखकर राहुल की तारीफ और यात्रा की हिमायत की एक और बड़े साधू गोविन्द देव गिरि ने कहा कि वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह राहुल को आशीर्वाद दें ताकि भारत जुड़े।
इन साधुओं और RSS के चंपतराय के बयानात से बीजेपी नेताओं और उसके बड़बोले तर्जुमानों को जबरदस्त झटका लगा है जो रोज कहते रहते थे कि भारत टूटा ही कहां से जो राहुल गांधी जोड़ने निकले हैं। यह लोग दूसरी बात कहते रहते हैं जो पूरी तरह झूट बात है कि राहुल की यात्रा में कांग्रेस वर्कर्स और तमाशाई के अलावा आम लोग शामिल नहीं हो रहे हैं।
इन बयानबाजों को अब अपना मुंह बंद कर लेना चाहिए क्योकि RSS के सीनियर लीडर चंपत राय ने ही कह दिया कि RSS कभी भारत जोड़ो यात्रा की आलोचना कर ही नहीं सकता। खुद राहुल गांधी ने कभी यह नहीं कहा कि भारत टुकड़ों में तब्दील हो गया है जिसे जोड़ने के लिए वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा कर रहे हैं।
उन्होने हमेशा एक ही बात कही देश में बड़े पैमाने पर नफरत फैला कर समाज को तोड़ा गया है। महंगाई और बेरोजगारी ने इस खाई को और ज्यादा चौड़ा किया है। इसी लिए भारत जोड़ने की सख्त जरूरत है। अब चंपतराय, आचार्य सतेन्द्र दास और गोविन्द देव गिरि ने भी राहुल गांधी की इस बात पर मोहर लगा दी है कि हां भारत में नफरत फैलाकर बेरोजगारी और महंगाई में इजाफा करके भारतीय समाज को तोड़ा गया है।
इस यात्रा के जरिए राहुल ने देश को यह यकीन भी दिलाया है कि PM मोदी हों या कोई और उनके अंदर किसी से कम अहलियत और काबिलियत नहीं है जहां तक हिम्मत और हौसले का ताल्लुक है वह किसी भी लीडर से काफी ज्यादा है। उनके वालिद और दादी दहशतगर्दी का शिकार हो चुके हैं इसके बावजूद वह लोगों से मिलने और भीड़ में चलते रहने में जरा भी खौफजदा नहीं होते। वह बार-बार कहते हैं कि नफरत वही करता है जो डरता है।
यात्रा के दौरान राहुल ने एक और बड़ा काम किया है वह शायद उनकी खानदानी बैकग्राउण्ड की वजह से है वह यह है कि अब तक की यात्रा के दौरान उनपर बीजेपी की तरफ से कई बार काबिले एतराज और सतह से गिरे कमेण्ट किए गए लेकिन राहुल ने एक बार भी अपने मुखालिफीन के लिए गलत और सतह से गिरी बात नहीं की उनके इस रवय्ये का आम लोगों पर भी गहरा असर पड़ा है। इसीलिए बड़ी तादाद में लोग उनकी यात्रा में शामिल हुए।
यात्रा के दौरान राहुल की बहन और कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका वाड्रा ने भी उत्तर प्रदेश की एक मीटिंग में जो पैगाम देश को दिया और जो कुछ कहा वह कहने की हिम्मत की आज देश के बड़े से बड़े लीडर में भी नहीं है। प्रियंका ने कहा कि अडानी और अम्बानी ने देश के बड़े-बड़े लीडर खरीद लिए, मीडिया को खरीद लिया, तमाम पब्लिक सेक्टर यूनिट्स खरीद लिए रेलवे खरीद लिया, एयरपोर्ट खरीद लिए लेकिन वह लोग मेरे बड़े भाई (राहुल गांधी) को नहीं खरीद सके और कभी खरीद भी नहीं पाएंगे इसीलिए हमें और आप सब को राहुल गांधी पर फख्र है कि इन्हें केई खरीद नहीं सकता है।
इन्हें अगर कोई खरीद सकता है तो सिर्फ और सिर्फ प्यार और मोहब्बत से ही खरीद सकता है। उन्होंने अवाम को यह भी बता दिया कि उनके भाई की तस्वीर खराब करने और उन्हें पप्पू साबित करने के लिए बीजेपी और उसकी सरकार ने एक हजार करोड़ रूपए खर्च किए मीडिया भी इस काम में बराबर शामिल रहा।
राहुल ने जबसे भारत जोड़ो यात्रा शुरू की प्रियंका गांधी तीसरी बार उनके साथ शामिल हुई तीसरी बार तो उनकी वालिदा सोनिया गांधी दिल्ली के सरगंगा राम अस्पताल में दाखिल थी दोपहर के ब्रेक के दौरान दोनों भाई बहन वालिदा के पास वापस भी गए।
राहुल गांधी ने इस यात्रा के दौरान कई बड़ी कामयाबियां हासिल की हैं जिनका फायदा उन्हें 2024 के लोक सभा एलक्शन में मिल सकता है। एक तो गुजिश्ता आठ सालों मेंं उनकी जो पप्पू की तस्वीर बनाई गई थी उस तस्वीर को उन्होने पूरी तरह खत्म किया है।
दो तरीकों से एक तो पूरी यात्रा के दौरान उन्होने इंतेहाई संजीदगी के साथ बातें कीं, दूसरे पैदल चलकर इतना लम्बा सफर तय करके, तीसरे तकरीबन एक दर्जन बार प्रेस कांफ्रेंस करके मीडिया के हर तरह के जवाब देकर जो PM नरेन्द्र मोदी ने साढे आठ सालों में एक बार भी नहीं किया चौथे उन्होने आम लोगों खुसूसन नौजवानों में यह एहसास भी पैदा किया कि देश का अस्ल मुद्दा हिन्दुत्व नहीं है बेरोजगारी, महंगाई और नफरत का माहौल है जो देश और देश के लोगों के लिए जहर साबित हो सकता है।
इस नफरत को हर हाल में खत्म ही करना है। एक बड़ी कामयाबी उन्होने अपनी पार्टी के लिए भी हासिल की है। वह यह है उत्तर भारतीय रियासतों में मुसलमानों में कांग्रेस की खोई हुई साख वापस हासिल करने की। आज आम मुसलमान यह सोचने लगा है कि मुल्क भर में उनके खिलाफ नफरत का जो माहौल बना दिया गया है उससे पूरी ताकत के साथ कांग्रेस और राहुल गांधी ही लड़ सकते हैं।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने देश के मीडिया को भी काफी सख्त तरीके से बेनकाब बल्कि नंगा करने का काम किया है उन्होने साबित किया कि मीडिया उनके खिलाफ तो है ही देश के आम आदमी की भी दोस्त नहीं है। क्योंकि मीडिया आम लोगों की आवाज बुलंद नहीं करता है यह न तो हमारे दोस्त है और न ही अवाम के दोस्त है। यह तो बस सत्ता में बैठे लोगों के दोस्त हैं और उन्ही के साथ दोस्ती निभा रहे हैं। यह लोग मेरी टी-शर्ट पर तो बार-बार सवाल करते हैं कभी गरीब किसान और मजदूर से नहीं पूछतें कि इतनी सर्दी में वह लोग फटी कमीज पहन कर काम कैसे करते हैं?
मीडिया के लिए राहुल ने जो कुछ कहा वह कम ही कहा है क्योंकि देश के मीडिया ने यूपीए सरकार के दौरान 2013 में नरेन्द्र मोदी के सवालात पर आसमान सर पर उठा लिया था। 2014 में मोदी सत्ता में आए गए साढे आठ साल हो गए अब भी मीडिया मोदी के ही साथ है। तब सरकार से सवाल करता था अब अपोजीशन से सवाल कर रहा है।