भारतीय रिज़र्व बैंक के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस्तीफा दे दिया है। बिजनेस स्टैडर्ड अखबार में छपी खबर के मुताबिक, विरल आचार्य ने अपने निर्धारित कार्यकाल से छह महीने पहले इस्तीफा दे दिया है। विरल आचार्य को तीन साल के कार्यकाल के लिए 23 जनवरी 2017 को आरबीआई में शामिल किया गया था। आपको बता दें कि इससे पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर में निजी कारण बताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
7 महीने के भीतर ये दूसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्च अधिकारी ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर में निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
दिसंबर 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक ने विरल आचार्य को तीन साल के लिए डिप्टी गवर्नर के पद के लिए चुना था। विरल आचार्य न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं। वे स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़ा चुके हैं। इससे पहले आचार्य लंदन बिजनेस स्कूल से प्राइवेट इक्विटी इंस्टीट्यूट के फाइनेंस एंड एकेडमी डायरेक्टर थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरल आचार्य ने 6 जून को आयोजित आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अंतिम बैठक से पहले अपना इस्तीफा सौंप दिया था। वहीं, आरबीआई ने इस रिपोर्ट की ना तो पुष्टि की है और ना ही इसका खंडन किया है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं विरल आचार्य
2014 में विरल आचार्य सेबी के तहत एकेडमिक काउंसिल ऑफ द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने 1995 में आई आईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। आचार्य न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से 2001 में फाइनेंस में पीएचडी भी कर चुके हैं। इसके अलावा विरल आचार्य के पास बैंक ऑफ इंग्लैंड में भी काम करने का अनुभव है।