नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हिन्दू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है, बाबूलाल चौरसिया नगर निगम में वार्ड नंबर 44 के पार्षद हैं.
बाबूलाल चौरसिया ने कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा, चौरसिया जिस वार्ड से पार्षद हैं वहां देश का इकलौता नाथूराम गोडसे का मंदिर है.
चौरसिया नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापना में मौजूद रहे थे, चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की है.
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बाबूलाल चौरसिया की घर वापसी हुई है क्योंकि वह पहले भी कांग्रेस में थे लेकिन पिछले चुनाव में टिकट न मिलने के कारण उन्होंने कांग्रेस से बगावत करते हुए हिन्दू महासभा के टिकट पर पार्षदी का चुनाव लड़ा था.
बाबूलाल चौरसिया ने कांग्रेस के उम्मीदवार शम्मी शर्मा को हराया था, चौरसिया के कांग्रेस में वापसी के मौके पर ग्वालियर साउथ के विधायक प्रवीण पाठक और प्रखंड अध्यक्ष संतोष शर्मा समेत पार्टी के कई नेता मौजूद थे.
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निगम चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी छोड़ना और दूसरे पार्टी में शामिल होने का सिलसिला शुरू हो गया है, कांग्रेस का दामन थामने के बाद उठ रहे सवालों पर बाबूलाल चौरसिया ने कहा कि मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं.
पार्टी छोड़ने के बाद बाबूलाल चौरसिया ने हिंदू महासभा पर हमला भी बोला, उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा ने मुझे अंधेरे में रखकर गोडसे की पूजा करवाई थी.
चौरसिया ने कहा कि पिछले 2-3 साल से मैं इनके इस तरह के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहा था, उन्होंने कहा कि मेरे मन में हिंदू महासभा की विचारधारा मिल नहीं पा रही थी, वहीं चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया है.