केंद्र सरकार ने देश में ई-सिगरेट पर बैन लगा दिया है। सरकार के इस फैसले के साथ ही देश में ई-सिगरेट को बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लग गया है। केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की थी। उन्होंने यह भी साफ किया कि ई-सिगरेट के साथ ई-हुक्का पर भी बैन लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि पहली बार दोषी को 1 साल की सजा या 1 लाख का जुर्माना या दोनों हो सकती है। वहीं दूसरी बार या उससे ज्यादा बार पकड़े जाने वाले दोषी पर 5 लाख तक जुर्माना या 3 साल की कैद या दोनों हो सकती है।
आपको यहां पर बता दें कि सरकार के ताजा फैसले से पहले तकनीकी तौर पर इसकी बिक्री पर कोई रोक नहीं थी और न ही इस बिक्री के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन से कोई इजाजत ही लेनी होती थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2019 तक देश में करीब 460 ई-सिगरेट के ब्रांड मौजूद थे। इसके अलावा इसके करीब सात हजार से ज्यादा फ्लेवर भी थे। अगस्त 2018 में स्वस्थ्य और परिवार मंत्रालय ने इसके विज्ञापन पर रोक लगाई थी। फरवरी 2019 में इसको लेकर CDSCO ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी राज्यों को इसकी बिक्री की इजाजत न देने को कहा था। इसके साथ ही सभी राज्यों के ड्रग कंट्रोलर्स को कहा गया था वह इसको सुनिश्चित करें कि इसकी बिक्री न होने पाए।