नई दिल्ली: मुंबई के डॉन रहे हाजी मस्तान के गोद लिए बेटे सुंदर शेखर ने कहा है कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने करीम लाला से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ही नहीं कई बड़े नेता करीम लाला से मिलते-जुलते थे और उनके यहां आते भी थे। शिवसेना नेता संजय राउत के करीम लाला और इंदिरा गांधी के बीच मुलाकात को लेकर दिए बयान पर शेखर ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है। सुंदर शेखर ने ये भी कहा है कि मेरे पापा (हाजी मस्तान) एक बिजनेसमैन थे और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे उनके अच्छे दोस्त थे।
वहीं शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने अपने बयान से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाने के बाद गुरुवार को अपना बयान वापस ले लिया। राउत का कहना है कि हमारे कांग्रेस दोस्तों को दुखी होने की जरूरत नहीं है। करीम लाला से मिलने जाती थीं इंदिरा गांधी वाले बयान पर राउत ने कहा कि कांग्रेस में हमारे मित्रों को आहत होने की जरूरत नहीं है। यदि किसी को लगता है मेरे बयान से इंदिरा गांधी की छवि धक्का पहुंचा है या इससे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं।
यह भी पढ़े: ये देश मोदी शाह के बाप का नहीं है: अधीर रंजन
अफगानिस्तान के कुनाप से 1930 के दशक में अब्दुल करीम शेर खान मुंबई (तब का बंबई) आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखने वाले करीम लाला को शोहरत और ताकत की जुनून की हद तक चाहत थी। इसी वजह से पहले वह पेशावर गया उसके बाद मुंबई आ गया था। जिस वक्त उसने पहली बार मुंबई में कदम रखा वह 21 साल का था। साउथ दिल्ली के ग्रांट रोड स्टेशन के किराए के मकान में रहने वाले करीम ने सबसे पहले वहीं जुए का एक अड्डा खोला। इसी अड्डे से मुंबई के पहले माफिया करीम लाला का उदय हुआ था।