केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के करीबी माने जाने वाले बाबा रामदेव साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। हाल ही में बाबा रामदेव ने यह बयान दिया था कि वह इस साल भारतीय जनता पार्टी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। लेकिन बाबा रामदेव ने हाल ही में ऐसा बयान दिया है कि जिसका तालमेल सीधा सीधा लोकसभा चुनाव से जुड़ रहा है।
बाबा रामदेव ने कहा है कि जिन लोगों के दो से ज्यादा बच्चे हैं उनसे वोट देने का अधिकार छीन लिया जाना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए और उन्हें सरकारी नौकरी भी नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हिंदू और मुस्लिम दोनों पर लागू किया जाना चाहिए। बाबा रामदेव ने कहा कि देश की आबादी रोकने का यही एकमात्र जरिया है।

आपको बता दें कि बाबा रामदेव ने यह बड़ा बयान उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया है। उन्होंने कहा है कि राजनीतिक बदलाव के मोड़ पर है। बीते दिनों से राजनीति में इस तरह के हालात बन चुके हैं कि नेता अपनी गरिमा भूल चुके हैं और एक दूसरे पर छींटाकशी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि रामदेव ने ऐसी टिप्पणी की है। पिछले साल उन्होंने कहा था कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं, उनके बच्चे को सरकारी स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाना चाहिए, सरकार अस्पताल में ईलाज की सुविधा और सरकारी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए।

इससे पहले उन्होंने पिछले साल एक समारोह में कहा था, ‘मैं परिवार के लिए नहीं जीता। मैंने ब्रांड्स बनाए हैं। मैं ऐसे 1000 ब्रांड्स बनाना चाहता हूं, जिससे 2050 तक भारत विश्व में सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरे।
बाबा रामदेव ने भगवान हनुमान की जाति को लेकर हुए विवाद पर कहा कि शास्त्रों में हनुमान की जाति का उल्लेख कहीं भी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान हुनमान के गुण को देखें तो वह ब्राह्मण हैं क्योंकि वह वेदों के जानकार हैं, इससे अलग अगर उन्हें योद्धा के तौर पर देखा जाए तो वह क्षत्रिय हैं।