नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव ने शहीद हेमंत करकरे के खिलाफ बयान देकर घिरीं साध्वी प्रज्ञा का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा के साथ अन्याय हुआ है। किसी को सिर्फ शक के आधार पर गिरफ्तार करके बुरी तरह प्रताड़ित करना ठीक नहीं है। रामदेव से जब हेमंत करकरे पर प्रज्ञा की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो वे बोले कि प्रज्ञा ठाकुर और उनके साथियों को जब गिरफ्तार किया गया था तब जेल के भीतर उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया था।
रामदेव ने कहा कि प्रज्ञा के साथ जेल में बहुत अधिक ज्यादती हुई। उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया गया। मीडिया को दोनों पक्षा को देखना चाहिए। साध्वी प्रज्ञा ने जो कहा मीडिया उसे तो देखे ही लेकिन साथ ही उनपर जो बीती उसे भी देखें कि उन्होंने क्या कुछ बर्दाश्त किया है।
प्रज्ञा ने कहा था कि ‘हेमंत करकरे ने मुझे मालेगांव ब्लास्ट को लेकर बहुत अधिक परेशान किया था तब मैंने उसे श्राप दिया था कि तेरा सर्वनाश होगा। इस सब के तीन महीने बाद ही हेमंत करकरे का देहांत हो गया।’ प्रज्ञा अपने बयान के चलते सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रोल की जा रही है।
मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी करार दी गईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जमानत पर हैं। ऐसे में उन्हें भोपाल से टिकट दिए जाने का कारण बीजेपी भी विपक्ष और आम जनता के निशाने पर आ रही है। लोकसभा चुनाव का टिकट मिलने के बाद से प्रज्ञा लगातार विवादित बयान दे रही हैं। हाल ही में उन्होंने भोपाल सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को महिषासुर बता दिया था और खुद को महिषासुर वर्धनी।
बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बाबरी मस्जिद मामले को लेकर कहा था कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस का हिस्सा होने पर वो गर्व महसूस कर रही थीं। उनके इसी बयान को लेकर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए उनको नोटिस जारी कर पक्ष रखने के लिए कहा था। जिसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी उनके पक्ष से संतुष्ट नहीं हुए और मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को धार्मिक और सामाजिक आधार पर घृणा करने वाला समझा है। हालांकि अधिकारी ने यह साफ किया है कि इस केस की वजह से साध्वी के नामांकन पर किसी भी परेशानी नहीं आएगी। लेकिन अगर साध्वी जांच में दोषी पाई जाती हैं तो उनको एक साल की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।