सोमवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान जब गिरिराज सिंह ने बीच में कुछ कहा था। इस पर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तुरंत उन्हें टोकते हुए कहा कि आप कुछ बोलिए न। खड़े होकर बोलिए न। अरे गिरिराज जी, खड़े होकर बोलिए ना, डर क्यों रहे हैं मुझसे, खड़े होकर बोलिए ना। खड़े हो जाइए, हम बैठते हैं (मुस्कुराते हुए)। ओवैसी इसके बाद बैठ गए और बोले, मैं दरख्वास्त करता हूं, बोलिए ना।
हालांकि बहस के दौरान वह फिर खड़े हुए और कहने लगे कि इस पर तो आप मत बोलिए, आप पाकिस्तान के एक्सपर्ट हैं। इसके बाद आगे उन्होने लोकसभा स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा कि इस आरटीआई का प्रिएंबल क्या है? प्रिएंबल कहता है कि पारदर्शिता और जवाबदेही। क्या आप इससे ये चीजें हासिल कर रहे हैं? मुझे तो नहीं लगता है। आप ऐसे ही कुछ भी नहीं करते जाएंगे।
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने चर्चा के दौरान लॉ कमीशन की रिपोर्ट का जिक्र किया। उन्होंने केंद्र में शासित मोदी सरकार पर आरटीआई कानून को खत्म करने का आरोप मढ़ा। ओवैसी ने आगे कहा कि आखिरी बात मैं कहना चाहूंगा कि लॉ कमीशन की रिपोर्ट आई। सरकार ने 2017 के फाइनैंस बिल के तहत तमाम ट्रिब्यूनल्स की सैलरी को उचित बताया। क्या उस कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया कि मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त की सैलरी में कमी लाई जाए। आप ना आयोग को मानते हैं या संविधान को मानते हैं। आप केवल अपनी मर्जी को मानते हैं। उन्होंने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करता हू कि जरूर कानून बनाइए, पर ये कानून मॉडिफिकेशन ऑफ आरटीआई हो रहा है।