नई दिल्ली: कल देश में मजदूर दिवस मनाया गया। इस मौके पर नौकरशाही की कार्यशैली का मजाक उड़ाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि यदि मजदूरों पर यह नियम लागू होता है तो आईएएस अधिकारियों को भी कैलोरी के आधार पर ही क्यों न भुगतान किया जाए।
उन्होंने मई दिवस के अवसर पर दिल्ली श्रमिक सम्मेलन की एक बैठक में कहा, “मैंने उनसे कहा कि मजदूरों को कैलोरी के आधार पर भुगतान नहीं किया जा सकता। वे इंसान हैं, कोई जानवर नहीं हैं.. उन्हें अपने बच्चों को पढ़ाना है, कपड़े खरीदने हैं.. आप आईएएस अधिकारियों को उनकी कैलोरी जरूरतों के आधार पर भुगतान कर सकते हैं, मजदूरों को नहीं।”
केजरीवाल ने कहा कि कम मजदूरी के मामले का अध्ययन करने के लिए अधिकारियों, मजदूरों और ठेकेदारों के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक समिति गठित की गई थी, लेकिन उसे उपराज्यपाल अनिल बैजल की मंजूरी नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल की अस्वीकृति के बाद, उसी समिति का गठन उन्ही सदस्यों के साथ दोबारा किया गया। केजरीवाल ने कहा कि मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने में 6 महीने का वक़्त लग गया।
दिल्ली के उपराज्यपाल पर भड़के केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने कई क्रांतियों के बारे में पढ़ा है, लेकिन इस तरह की तानाशाही के बारे में कभी नहीं पढ़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि मजदूरों की मजदूरी का अध्ययन करने के लिए समिति की स्थापना के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। “वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह सत्ता में नशे में हैं। इससे मुझे गुस्सा आया, लेकिन मैं असहाय हूं।”