नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा की मुश्किल लगातार बढ़ रही है। पहले त्रिपुरा भाजपा के उपाध्यक्ष ने पार्टी छोड़ एनपीपी का हाथ थाम लिया। अब अरुणाचल प्रदेश में पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहां दो मंत्री और 12 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। ये सभी लोग नेशनल पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गए हैं। बता दें कि एनपीपी मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा की पार्टी है। जिस तरह से अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन तमाम विधायकों और मंत्रियों ने भाजपा का साथ छोड़ा है वह प्रदेश में भाजपा की जीत की उम्मीदों को धूमिल कर सकता है।
अरुणाचल प्रदेश के गृहमंत्री कुमार वई और पर्यटन मंत्री जरकार गैमलिन एनपीपी का दामन थामा है। वहीं जिन छह विधायकों को भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया उन सभी ने भाजपा को छोड़ दिया है। वई ने कहा कि भाजपा पिछली बार की तरह अपनी लोकप्रियता गंवा चुकी है, जिस तरह से पार्टी ने लोगों से झूठे वायदे किए थे उसकी वजह से लोगों की नजर में पार्टी की लोकप्रियता काफी कम हो गई। उन्होंने कहा कि हम इस बार ना सिर्फ चुनाव लड़ेंगे बल्कि एनपीपी की प्रदेश में सरकार बनाएंगे।
ना सिर्फ भाजपा के इन विधायकों ने पार्टी का दामन छोड़ा है बल्कि पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के एक विधायक और भाजपा के 19 अन्य नेताओं ने भी एनपीपी का हाथ थामा है। बता दें कि एनपीपी की मेघालय में सरकार है। इस बार पार्टी ने अरुणाचल प्रदेस की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इस बार प्रदेश में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होंगे। एनपीपी के महासचिव थॉमस संगमा ने कहा कि हम यहां अकेले ही चुनाव लड़ेंगे और अपने उम्मीदवारों का ऐलान बुधवार को करेंगे।
एनपीपी के राज्य प्रवक्ता मुचु मिथी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पार्टी चुनाव के बाद गठबंधन कर सकती है। बता दें कि एनपीपी पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के महागठबंधन नॉर्थ इस्ट डेमोक्रैटिक अलायंस का हिस्सा थी। लेकिन अब पार्टी ने इस गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पार्टी के उपाध्यक्ष सुबल भौमिक ने मंगलवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि मैं भाजपा में पांच वर्ष तक रहा, इससे पहले मैं 35 वर्ष तक कांग्रेस में रहा था। यह घर वापसी की तरह है।