सूरत में बिजली शवदाह गृह की चिमनी ही पिघल गई है। वहाँ इतने शव जले हैं। सरकार मरने वालों का सही आँकड़ा नहीं दे रही है तो संदेश अख़बार खुद ही पता लगा रहा है। संदेश के रिपोर्टर गिनती गिन रहे हैं कि सिविल अस्पताल से कितने शवों को लेकर वाहन निकले हैं।
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संवाददाता श्मशान घाट जाकर लाशें गिन रहे हैं । गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि लोग भगवान भरोसे हैं। भगवान के नाम के भरोसे राजनीति करने वाले मौज में हैं। गुजरात मॉडल का बोगस चेहरा सामने आ चुका है।
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बीजेपी अपने दफ़्तर में रेमडेसिविर बाँट रही है और अस्पतालों के पास ये दवा नहीं। लोग घंटों लाइन में लगे हैं। मरीज़ मर रहे हैं।
बीजेपी के अध्यक्ष दावा करते हैं कि गुजरात के बाहर से दवा ख़रीद कर लाए हैं। दिव्य भास्कर की पड़ताल बताती है कि दवा गुजरात से ही ख़रीदी गई है।