के हमरा गांधी जी के गोली मारल हो
धमा धम तीन गो
कालुहे आज़ादी मिलल
आज चलल गोली
गांधी बाबा मारल गइले
देहली के गली
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पूजा में जात रहलें बिरला भवन में
दुश्मन बैठक रहल पाप लेके मन में
अरे गोलिया चलाके बनल चाहल बली
धमा धम तीन गो
क़हत रसूल सूल सबका देके, कहां गइले मोर अनार के कली
धमा धम तीन गो
चंदन तिवारी ने गाया है। यह गाना रसूल मियाँ का लिखा हुआ है। भोजपुरी में है। रसूल मियाँ गोपालगंज के रहने वाले थे। राम और गांधी को लेकर लिखा करते थे। आज के दिन इसे सुनिए।
गांधी की ह’त्या कर दी गई। उनके विचार आज भी ज़िंदा है। लेकिन यह भी सही है कि गांधी की ह’त्या करने वालों के विचार भी ज़िंदा है। पहले से ज़्यादा ताकतवर है। आज गांधी के हत्या’रों की भाषा टीवी से बोली जाती है। राजनीति से बोली जाती है।
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यह दौर गांधी की ह’त्या करने वालों के विचारों का है। मगर गांधी गांधी हैं। हर ह’त्या के बाद दिखाई दे जाते हैं। कहीं से जाते हुए तो कहीं से आते हुए।
(लेखक जाने माने पत्रकार हैं, यह लेख उनके फेसबुक पेज से लिया गया है)