पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के सवाल का मज़ाक़ उड़ा सकते हैं। क्योंकि समस्या इतना विकराल हो चुकी है कि इसका ओर-छोर नज़र नहीं आता है। लेकिन कुछ युवाओं को यह बात समझ आ गई है कि शुरुआत इसी से हो कि जो भी है पहले उसे बचाया जाए।
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इसलिए देश भर में थोड़े बहुत युवाओं का ऐसा समूह बन चुका है जो इस तरह की कोशिशों को लेकर सोचता है। आप भी अपने बच्चे को या आपका बच्चा आपको समझाता होगा कि पर्यावरण का कैसे बचाव करना है। आप भी अच्छी आदत के रूप में उसका हौसला बढ़ाते हैं।
अच्छा करते हैं और आगे भी करते रहिए। एक दिन जब यही बच्चा जलवायु के सवाल को लेकर बाहर निकलेगा तो वह सरकार की नीति और राजनीति और कंपनियों से टकरा जाएगा। आपका बच्चा अपराधी नहीं है। अपराधी वो हैं जिसे आपके बच्चे ने पकड़ लिया है।
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हम सभी जलवायु परिवर्तनों का किसी न किसी तरह का नुक़सान भुगत रहे हैं। भले ही हम सभी चलाते हों, एसी चलाते हों, लेकिन पता तो चल ही रहा है कि ज़्यादा हो रहा है। इसलिए आपकी ज़िम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण की चिन्ता करने वाली इस नई पीढ़ी का हौसला बढ़ाएँ। साथ दें।