हमारे देश में रिसर्च होता नहीं। कई सवालों के जवाब अनुत्तरित रह जाते हैं। वर्ना अगर इसकी व्यवस्था सही होती तो हम कई सवालों के जवाब साथ साथ जानते चलते।हम नहीं जानते कि इस बार क्यों फैल रहा है, क्यों इतने लोगों को वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ी है, पिछली बार क्यों नहीं पड़ी थी? किस तरह का मरीज़ जल्दी ठीक हो रहा है तो किस तरह का मरीज़ जल्दी ठीक नहीं हो रहा है। इन सब सवालों के ठोस जवाब नहीं हैं।
अब चूँकि लाखों लोगों को यह महामारी हो चुकी है इसलिए किसी को कोरोना होता है तो उसके संपर्क के सभी व्यक्ति अपने अपने इलाज की पर्ची भेज देते हैं। मरीज़ ख़ुद भी अपने डॉक्टर की पर्ची लेकर बैठा होता है। कई लोग फ़ोन से बताना शुरू कर देते हैं कि वो नहीं ये करो। यह बड़ा ख़तरनाक है। इससे बचिए।
ये भी पढ़ें : लेख : केजरीवाल जी, ऑटो चालकों से मास्क न पहनने पर दो हज़ार का जुर्माना न वसूलें : रवीश कुमार
आप अपने डॉक्टर से चिपके रहिए। भरोसा कीजिए। उन्हीं से सौ सवाल कीजिए और अपने लक्षणों के बारे में लगातार अपडेट कीजिए। डाक्टर भी जानते हैं कि आप दूसरे डाक्टर से मशवरा ले रहे होंगे। इसमें ग़लत नहीं है लेकिन तब आप डॉक्टर से मशवरा लीजिए न कि चार व्हाट्स एप फार्वर्ड मंगा कर अपने डॉक्टर की कापी चेक करने लग जाइये। यह मत कीजिए।
आप जब डॉक्टर के संपर्क में आएँ तो कुछ सवाल ज़रूर करें कि हमें किस किस दिन सतर्क रहना है। उस दिन क्या करना है कि हालत न बिगड़े। ये आप डाक्टर से पूछें न कि व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के किसी जानकार से।
याद रखिए। एक डॉक्टर हर मरीज़ को एक तरह की दवा नहीं लिखता है। हर मरीज़ की अलग-अलग स्थिति होती है। किसी को कोई बीमारी नहीं तो किसी को दस तरह की बीमारी है। इसलिए वह हर मरीज़ के हिसाब से पर्ची लिखेगा। अब अगर आप उस पर्ची को ख़ुद पर आज़माएँगे और अपने डॉक्टर से छिपाएँगे तो धोखा खा जाएँगे। इसलिए अपने डॉक्टर के साथ पारदर्शी रहिए।
कई लोग डाक्टर की दवा के साथ दस अन्य तरह की दवाएँ लेने लगते हैं। देसी विदेशी सब तरह की। कुछ पारंपरिक ज्ञान से भी। क्योंकि कई लोग दावा करते हैं कि उन्होंने ये खा लिया वो चाट लिया तो ठीक हो गए।
ये भी पढ़ें : आईपीएल: मुंबई की कोलकाता पर रोमांचक जीत, चाहर चमके
ध्यान रहे कि कई बार कोरोना आराम से भी चला जाता है। बहुत मरीज़ों को हल्के से छू कर चले जाता है। इस तरह से जो ठीक होते हैं उनके आत्मविश्वास से बचिए। वो आपके किसी काम के नहीं हैं। आपको जो हुआ है उसे अलग केस मान कर चलिए।
थोड़ा व्हाट्एस एप व्हाट्स एप कम खेलिए। कोरोना होता है तो टेस्ट कराएँ। टेस्ट का भी इंतज़ार मत कीजिए। इलाज शुरू करवाइये। लक्षण आप जानते हैं। छिपाएँ नहीं। कई लोगों को देखा है कि डाक्टर का नाम लेते ही ख़ुद को डाक्टर समझने लगते हैं। समय पर डाक्टर के पास नहीं जाएँगे। इसमें पता नहीं कौन सी शेखी होती है।
जब हालात बिगड़ते हैं तो पूरा ख़ानदान परेशान हो जाता है लेकिन ठीक रहते वही लोग किसी की बात नहीं मानते हैं। इस तरह के झूठे अहं से बचिए। ख़ुद को समय पर इलाज के लिए प्रस्तुत कीजिए और बचाव के सभी नियमों का सख़्ती से पालन करते रहिए।