धर्मेंद्र प्रधान आप जनता पर मेहरबानी कर रहे हैं। चूँकि आप पैसे बचा नहीं सकते इसलिए पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ा कर पैसे बचा रहे हैं ताकि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसे हो। 2017 से प्रधान साहब यही राग अलाप रहे हैं।
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जब भी पेट्रोल डीज़ल महँगा होता यह दलील लेकर आ जाते हैं कि सरकार हाईवे बनवा रही है, स्वच्छता अभियान चला रही है इसलिए दाम बढ़ रहे हैं। इन दिनों ग़रीब कल्याण योजना और किसान सम्मान योजना की दुहाई दे रहे हैं कि इन्हें चलाने के लिए पेट्रोल महँगा किया जा रहा है। पीएम किसान सम्मान योजना के 2000 के लिए किसानों की जेब से ही न जाने कितने हज़ार निकाल रहे हैं।
ऐसे समाजशास्त्री और अर्थशास्त्री को कोई बताए कि आप पहले योजना बना लें। फिर बजट में ही पेट्रोल और डीज़ल के दाम तय कर दें। कहें कि यह योजना आ रही है इसके लिए पेट्रोल पाँच रुपया और महँगा बेचा जाएगा। लगता है कि सरकार पूरा ख़र्चा पेट्रोल और डीज़ल से ही निकाल रही है। पाँच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का ढोल पीटते पीटते ढोल ही फट गया। अब कह रहे हैं कि सरकार के पास पैसे नहीं है।
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उनकी इस दलील से यह साफ़ है कि केंद्र सरकार के कारण पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय कारणों से नहीं बढ़ रहे हैं। बीच बीच में प्रधान कहते हैं कि विपक्षी सरकारें अपने यहाँ टैक्स क्यों नहीं घटाती हैं। हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि केंद्र और राज्य दोनों को टैक्स घटाना चाहिए। प्रधान केंद्र की बात नहीं करेंगे लेकिन विपक्षी सरकारों की बात करना नहीं भूलते हैं।
आप उनके सभी बयानों को सुनिए ।पेट्रोल के दाम बढ़ने के प्रधान कारण का पता ही नहीं चलेगा। इस बीच आप जनता हर दिन कंगाल हुए जा रहे हैं. कमाई बंद है और उस पर से महंगाई की तलवार चल रही है।