अमरावती: आंध्र प्रदेश की 25 सदस्यीय कैबिनेट ने शनिवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने अपनी सरकार में 5 डिप्टी सीएम बनाए हैं। अमरावती में हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और राज्यपाल मौजूद रहे। जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को ही प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है। वाईएसआरसी पार्टी के विधायकों को राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। भारत में किसी भी राज्य के लिए पहली बार 5 डिप्टी सीएम ने शपथ ली। इसमें तीन महिलाएं शामिल हैं।
जगन मोहन कैबिनेट में माला गुंड्ला शंकर नारायण, शेख व्यापारी अमजद पाशा, गुम्मनुरु जयराम, बुग्गन राजेंद्रनाथ रेड्डी, कलत्तुरु नारायण स्वामी, पेद्दिरेड्डी रामचंद्र रेड्डी, मेकपाटि गौतम रेड्डी, पालुबोइना अनिल कुमार यादव, आदिमुलपु सुरेश, बालिनेनी श्रीनिवास रेड्डी, मोपिदेवी वेंकटरमणा, मेकातोटि सुचारिता, पेर्नी नानी (वेंकट रामय्या), कोडाली नानी, तानेटी वनिता, चेरुकुवाडा श्रीरंगनाथ राजू, आल्ला नानी, पिनिपे विश्वरूप, धर्माना कृष्णदास, बोत्सा सत्यनारायण और पामुला पुष्पाश्रीवाणी ने शपथ ली।
इससे पहले जगन रेड्डी ने 30 मई को विजयवाड़ा में आईजीएमसी स्टेडियम में एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। जगन मोहन की कैबिनेट में सात मंत्री पिछड़े वर्ग से, अनुसूचित जाति से पांच, कापू और रेड्डी समुदायों से चार और एक मुस्लिम मंत्री है। उनसे पहले सीएम रहे चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल में कम्मा समुदाय का प्रभुत्व था। जगन के मंत्रिमंडल में इस समुदाय से सिर्फ एक को जगह मिली है।
जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने 175 में 151 सीटों पर जीत हासिल की जबकि एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 102 से 23 सीटों पर सिमट कर रह गई. वाईएसआर कांग्रेस को 49.9 फीसदी वोट मिले जबकि टीडीपी को 39.2 फीसदी वोट मिले। वहीं लोकसभा की 25 सीटों में वाईएसआर कांग्रसे को 22 सीट मिली। साल 2010 में जगन ने अपनी मां वाईएस विजयम्मा के साथ मिलकर कांग्रेस से नाता तोड़ लिया। उनके पिता अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।