भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल को अपने तौर तरीके बदलने होंगे क्योंकि अब उसके झूठ बहुत जल्दी पकड़ में आ जाते हैं। आईटी सेल के झूठ अपने मंदबुध्दि भक्तों के वाट्सएप ग्रुप में नफरत की आग भड़काए रखने के लिए तो उपयोगी होते हैं, मगर जो लोग पार्टी के अंधभक्त नहीं हैं या किसी सांस्कृतिक संगठन के उन्मादी और कमअक्ल स्वयंसेवक नहीं हैं, उनपर ये झूठ काम नहीं करते उल्टे पार्टी की छवि खराब होती जा रही है।
पूरे देश में भाजपा आईटी सेल इतनी बदनाम है कि अगर गैरभाजपाई सरकार सत्ता में आती है तो उसके हेड अमित मालवीय पर दंगे भड़काने, अफवाहें फैलाने और दंगों की साज़िश रचने का मुकदमा ज़रूर चलेगा। शायद सज़ा भी हो जाए। पिछले दिनों एक विज्ञापन अखबारों में छपा था जिसमें बताया गया था कि एक गरीब महिला को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिला। जिस औरत का फोटो छपा उसने पत्रकारों को बताया कि मुझे कोई मकान नहीं मिला।
बंगाल में चुनाव के बाद होने वाली हिंसा के लिए ममता बैनर्जी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और केंद्र सरकार जम कर ममता पर गुस्सा उतार रही है। मगर बंगाल हिंसा की ज्यादातर कहानियां फर्जी निकल रही हैं। बीरभूम जिले में जिस महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की बात फर्जी आईटी सेल कर रहा है, उस महिला ने आगे आकर कहा कि मेरे साथ कोई बलात्कार नहीं हुआ।
भाजपा का दावा है कि कूचबिहार में भाजपा कार्यकर्ता मानिक मैत्र की हत्या टीएमसी के गुंडों ने कर दी। मानिक मैत्र के चाचा का कहना है कि मानिक मैत्र तो घर पर है, उसकी हत्या नहीं हुई और वो किसी पार्टी का कार्यकर्ता भी नहीं है। आईटी सेल की अदा है कि किसी का भी फोटो उठाकर उसके नाम से कुछ भी झूठ गढ़ देना। सोच है कि एक सौ तीस करोड़ लोगों के देश में किसे पता चलेगा।
मगर अब आईटी सेल की बात को लोग सच्चाई की कसौटी पर परखने लगे हैं। एक पत्रकार को अपना कार्यकर्ता बता कर उसकी हत्या होना बता दी गई। उस पत्रकार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली कि मैं जीवित हूं, भाजपा आईटी सेल मेरे फोटो का दुरुपयोग कर रही है। ऐसा नहीं कि हिंसा नहीं हो रही। मगर इतनी नहीं हो रही जितनी बताई जा रही है।
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आउटलुक मैगजीन ने बंगाल हिंसा के लिए भाजपा पश्चिम बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष को जिम्मेदार ठहराया है। योजना ममता को पूरी तरह नेस्त नाबूद करने की थी। अंदाजा था कि हम जीत जाएंगे और फिर टीएमसी के लोगों को जमकर पीटेंगे, हत्याएं करेंगे। हमारा आईटी सेल और मीडिया प्रचारित करेगा कि ममता बैनर्जी यह हिंसा करा रही है, उनसे हार सहन नहीं हो रही। उनकी छवि खराब होगी, टीएमसी की कमर टूट जाएगी। मगर ऐसा हो ना सका। बंगाल में जो हिंसा हो रही है, उसमें पिचासी प्रतिशत झूठ और अतिरंजना है। जो हिंसा हो रही है उसमें हमला भी है, बचाव भी है। भाजपा से हार नहीं पच रही है। आईटी सेल के झूठों को हम सबूत मान सकते हैं।
दीपक असीम