नई दिल्ली: अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में दलित और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और बुरे होते हालातों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंद परिषद (विहिप) जैसे संगठन जिम्मेदार हैं. अमेरिकी सरकार द्वारा गठित आयोग यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में पिछले साल धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितियों में गिरावट जारी रही.
यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में बताया गया कि हिंदू राष्ट्रवादी समूहों ने अल्पसंख्यकों और हिंदू दलितों के विरुद्ध हिंसा, धमकी और उत्पीड़न के माध्यम से देश का भगवाकरण की कोशिश की. यूएससीआईआरएफ ने अपनी रिपोर्ट में भारत को अफगानिस्तान, अजरबैजान, बहरीन, क्यूबा, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, कजाकिस्तान, लाओस, मलेशिया और तुर्की के साथ खास चिंता वाले टीयर टू देशों में रखा है.
यूएससीआईआरएफ के मुताबिक, आरएसएस, विहिप जैसे हिंदू संगठनों द्वारा अल्पसंख्यकों और दलितों को अलग-थलग करने के लिए चलाये गये बहुआयामी अभियान के चलते धार्मिक अल्पसंख्यकों की दशाएं पिछले दशक के दौरान बिगड़ी हैं. उसने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि इस अभियान के शिकार मुसलमान, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और दलित हिंदू हैं.
यूएससीआईआरएफ ने कहा, “ये समूह अपने विरुद्ध हिंसक कार्रवाई, धमकी से लेकर राजनीतिक ताकत हाथ से चले जाने तथा मताधिकार छिन जाने की बढ़ती भावना से जूझ रहे हैं. भारत में 2017 धार्मिक स्वतंत्रता की स्थितियों में गिरावट जारी रही.”