रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को एक साल हो गया है। इस मौके पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस की लड़ाई यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ नहीं बल्कि, शासन के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मॉस्को ने शांतिपूर्ण तरीकों से डोनबास की समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव कोशिश की।
अपने संबोधन के दौरान पुतिन ने कहा कि वह ऐसे समय देश को संबोधित कर रहे हैं जो देश के लिए मुश्किलों भरा और अहम है। पूरी दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं। पुतिन ने कहा कि रूस यूक्रेन को आजाद कराने के लिए लड़ रहा था। पुतिन ने पश्चिमी देशों की भी आलोचना की। पुतिन ने कहा कि मॉस्को ने नाटो के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया था लेकिन नाटो ने इस पर सही प्रतिक्रिया नहीं दी।
पुतिन ने कहा कि विशेष अभियान शुरू होने से पहले ही पश्चिमी देश यूक्रेन को हवाई रक्षा की आपूर्ति करने लिए बातचीत कर रहे थे। पुतिन ने आगे कहा कि रूस ने सालों तक पश्चिम के साथ बातचीत के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन हमेशा उसे नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका तो यूक्रेन युद्ध के बहाने अपने हथियारों को बेचने की कोशिश में है। इस जंग का इस्तेमाल पश्चिमी देश अपने फायदे के लिए कर रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश रूस की संस्कृति पर हमला कर रहे हैं और हर दिन नई चुनौती पेश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में ना हम पीछे हटेंगे और ना ही हटना चाहिए।