बॉलीवुड अभिनेता नसीरूद्दीन शाह के हाल के बयानों को लेकर नोबेल पुरस्कार प्राप्त अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नसीरूद्दीन शाह का समर्थन करते हुए कहा कि हमें अभिनता को परेशान करने वालों के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, क्योंकि देश में जो भी हो रहा है वो आपत्तिजनक और रोकने योग्य है।
मीडिया से बातचीत के दौरान सेन ने कहा कि भारतीयों ने असमानता और अन्याय पर आवश्यकता से अधिक धैर्य दिखाने के कारण काफी कुछ सहन किया है। अब वक्त आ गया है कि असमानता और अन्याय को बर्दाश्त न किया जाए और इसके खिलाफ़ आवाज़ उठाई जाए।
सेन ने कहा कि वे अब किसी भी शख्स को धैर्य रखने की सलाह नहीं देंगे। उन्होंने कहा है कि उन्हें लगता है कि अधीरता वह अहम् चीज है जो अब हमें अपने अंदर लानी होगी, क्योंकि भारत ने आवश्यकता से अधिक धैर्य रखने के कारण काफी कुछ सहा है।

बता दें कि नसीरुद्दीन शाह पिछले काफी समय से चर्चा में बने हुए हैं। शाह ने बुलंदशहर हिंसा का हवाला देते हुए कहा था कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। उन्होंने कहा था कि इन दिनों लोगों को कानून को हाथ में लेने की खुली छूट मिल गई है। मुझे इस माहौल से डर नहीं लगता बल्कि गुस्सा आता है।
इसके बाद शाह ने एमनेस्टी इंडिया की तरफ से जारी एक वीडियो में इस बात का दावा किया कि धर्म के नाम पर देश में नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है और इस ‘‘अन्याय’’ के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को सजा दी जा रही है।

उन्होंने वीडियो में देश के माहौल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि हमारा देश कहां जा रहा है? क्या हमने ऐसे देश का सपना देखा था जहां असंतोष की कोई जगह नहीं है, जहां केवल अमीर और शक्तिशाली लोगों को सुना जाता है और जहां गरीबों तथा सबसे कमजोर लोगों को दबाया जाता है? जहां कभी कानून था लेकिन अब बस अंधकार है।