नई दिल्ली: लुधियाना सिटी सेंटर घोटाला मामले में अमरिंदर सिंह समेत सभी 31 आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है। 1,144 करोड़ के इस स्कैम के मामले में अमरिंदर सिंह, उनके बेटे रानिंदर सिंह, दामाद रामिंदर समेत 31 लोगों पर जांच चल रही थी। मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। रिपोर्ट में किसी के खिलाफ कोई सबूत ना मिलने की बात कही गई है।
पंजाब की राजनीति में भूचाल लाने वाले 1144 करोड़ रुपये के सिटी सेंटर प्रोजेक्ट में घोटाले की बात सितंबर 2006 में सामने आई थी। यह कथित घोटाला राज्य में कैप्टन की सरकार के दौरान हुआ था। अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने 23 मार्च, 2007 को इस मामले में केस दर्ज करके जांच शुरु की। मामले में लुधियाना के तत्कालीन एसएसपी (विजिलेंस) कंवलजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज की थी।
जांच के बाद दिसंबर 2007 में 130 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत 36 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन आरोपियों में से चार की अब तक मौत भी हो चुकी है। सूबे में कैप्टन सरकार बनने के बाद अगस्त, 2017 में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 3 आरोपियों वाले इस मामले में लुधियाना की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी।
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
मुख्यमंत्री की पेशी के मद्देनजर जिला अदालत परिसर व आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मिनी सचिवालय के मेन गेट से लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। जिसके चलते कोर्ट और डीसी ऑफिस आने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
मंगलवार को हुई थी बहस पूरी
अदालत में सरकारी व आरोपित पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद सेशन कोर्ट ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिटी सेंटर मामले में नामजद अन्य आरोपितों को 27 नवंबर को बाद दोपहर अदालत में पेश होने के निर्देश दिए थे।