जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर राज्य में सब ठीक है तो केंद्र की ओर से ऐसे आदेश क्यों दिए जा रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा, आखिर एनआईटी के छात्रों को जाने के लिए क्यों कहा गया?
महबूबा मुफ्ती का कहना है कि कश्मीर की पहचान को बचाने के लिए सभी मुख्यधारा की पार्टियों को एकजुट होना चाहिए। दरअसल, सोशल मीडिया पर अफवाहें भरी पड़ी हैं कि अनुच्छेद 35ए को जल्द ही समाप्त करने की घोषणा होने वाली है। इसे देखते हुए जम्मू कश्मीर के नेताओं के अलग अलग बयान आ रहे हैं। एक दिन पहले ही सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एडवाइजरी जारी की और अमरनाथ यात्रा को रोक दिया। जिसके बाद से ही जम्मू कश्मीर में टेंशन बनी हुई है।
महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लोगों को साथ आने की जरूरत है। हम लोगों को केंद्र को एक मैसेज देने की जरूरत है। उनको ये बताया जाना चाहिए कि आप कश्मीर से खेल नहीं सकते हो और ना ही सूबे के स्पेशल स्टेटस को बदल सकते हो। इतने डर का माहौल है और हद ये है कि केंद्र की ओर से कोई बयान नहीं आ रहा है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी सरकार में कभी अमरनाथ यात्रा रद्द नहीं हुई लेकिन इस बार यह रद्द क्यों करनी पड़ी और एडवायज़री जारी करने से एक डर का माहौल है। ऐसा तो कभी भी नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पूरे देश के लोग डरे हुए हैं। आज के हालात 1990 की याद दिला रहे है। अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात करने से चिंताजनक स्थिति बन चुकी है। सरकार साफ़-साफ बताए कि वह ऐसा क्यों कर रही है।