महाराष्ट्र में भारी सियासी उठापटक के बाद आखिकार आज कैबिनेट विस्तार हो गया। शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार गुट के कुछ विधायकों को मंत्री पद की शपथ के बाद उन्हें विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। डिप्टी सीएम बने एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। इसके साथ ही उनके हिस्से योजना विभाग भी आया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी कुछ बदलाव करने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों के आवंटन की घोषणा की। राज्यपाल रमेश बैस की मंजूरी के बाद इस आवंटन की घोषणा की गई है। बीजेपी ने सबसे ज्यादा विभाग खोकर एनसीपी के बागी नेताओं को कैबिनेट में जगह दी है।
अजित पवार वित्त और सहकारिता विभाग एनसीपी के पास रखने के लिए अड़े थे। यहां अहम बात यह है कि शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले और प्रहार पार्टी के विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने अजित पवार का कड़ा विरोध किया था। इन्होंने शिकायत की थी कि जब अजित तत्कालीन वित्त मंत्री थे तो उन्होंने उनके लिए बजट रोक दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अजीत पवार को वित्त विभाग, दिलीप वलसे पाटिल को सहकारिता, हसन मुशरिफ को अल्पसंख्यक मामलों का विभाग, धर्मराव आत्राम को परिवहन विभाग, छगन भुजबल को कृषि विभाग, अदिति तटकरे को महिला और बालविकास विभाग, धनंजय मुंडे को सामाजिक न्याय विभाग, संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण विभाग और अनिल पाटिल को खाद्य आपूर्ति विभाग दिया गया।
बता दें कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सामान्य प्रशासन, शहरी विकास, सूचना और प्रौद्योगिकी, सूचना और जनसंपर्क, परिवहन, सामाजिक न्याय, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, खनन पोर्टफोलियो संभालेंगे जिन्हें किसी मंत्री को नहीं सौंपा गया है। वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गृह, कानून और न्याय, जल संसाधन और लाभ क्षेत्र विकास, ऊर्जा, शाही शिष्टाचार विभाग संभालेंगे।