इलाहबाद में उमेश पाल हत्याकांड के बाद सील किए गए मुस्लिम हॉस्टल से छात्रों की समस्याएं बढ़ गई हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में कल यानी 13 मार्च से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में कुछ छात्र तैयारी करने के बजाय स्टेशन पर रुके हैं, तो कुछ DM ऑफिस में धरना देने को मजबूर हैं। उनका पूरा सामान हॉस्टल में ही कैद है। वहीं, दूसरी तरफ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि इस हॉस्टल से हमारा कोई संबंध नहीं।
मीडिया से बात करते हुए हॉस्टल के अधीक्षक डॉक्टर इरफ़ान अहमद ने छात्रों को नोटिस के ज़रिए सूचना दी हैं कि, 5 मार्च 2023 को हॉस्टल प्राधिकरण की बैठक में फ़ैसला हुआ है कि वर्तमान हालात को देखते हुए 6 मार्च 2023 से ईद तक हॉस्टल बंद रहेगा. हॉस्टल न खाली करने वाले छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
BBC से बात करते हुए एक छात्र शहरयार आफ़ताब ख़ान कहते हैं, अवैध तरीके से रह रहे दो-चार छात्रों के चक्कर में पैसे देकर रह रहे छात्र परेशान हो रहे हैं। सबके डॉक्यूमेंट, लैपटॉप, क़िताबें सब कमरे में छूट गए हैं। किसी का एग्ज़ाम चल रहा है तो किसी का होने वाला है। नेट जेआरएफ़ का एग्ज़ाम चल रहा है। दिसंबर जनवरी में 12 हज़ार रुपये की फ़ीस जमा हुई है और अब बीच सेशन में हमें हॉस्टल से निकाल दिया है।
उल्लेखनीय है कि उमेश पाल हत्याकांड के षड़यंत्र में गाजीपुर निवासी सदाकत खान पुत्र शमशाद खान का भी नाम प्रकाश में आया था। पुलिस ने पूछताछ के बाद 27 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के मुताबिक, सदाकत ने काफी महत्वपूर्ण सूचनाएं दी हैं। सदाकत ने मुस्लिम छात्रावास में कमरा ले रखा था और उसने अपने कमरे में साजिश किए जाने की बात बताई थी।