कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा समापन की ओर बढ़ रही है। जहाँ इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस बड़ी उम्मीदें बना कर रखी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी खुद को एक ऐसे नेता के रूप में पेश करने की तैयारी में हैं, जो समानता, न्याय और समृद्धि के इर्द-गिर्द बुने राजनीतिक एजेंडे के साथ देश में निराशा की भावना को समाप्त करेगा। भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में खत्म होगी।
यात्रा के समापन के बीच अब राहुल गांधी की एक चिट्ठी सामने आई है। इस चिट्ठी में राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर विस्तार से बात की है। उनकी तरफ से अपनी यात्रा को एक तपस्या बताया गया है। बताया जा रहा है कि इस चिट्ठी को हाथ से हाथ जोड़ो कैंपेन के माध्यम से 10 लाख बूथ तक सन्देश पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।
राहुल गांधी ने चिट्ठी में बताया है कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए उन्होंने कई लोगों से मुलाकात की, उनकी दर्द-परेशानी को समझा है। कई तरह के लोगों से मुलाक़ात हुई और उनकी समस्याओ को समझने की कोशिश किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मेरा जीवन का अब यही उदेश्य है कि मुझे गरीबों के हक की लड़ाई लड़नी है। उन्होंने लिखा कि मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा एक है – बेजुबानों को आवाज देना, कमजोरों का हथियार बनना, भारत को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाना, नफरत से प्यार की ओर ले जाना, पीड़ा से समृद्धि की ओर ले जाना।
राहुल ने कहा कि मुझे देश को अंधेरे से उजाले की ओर लेकर जाना है, नफरत को मोहब्बत में बदलना है। चिट्ठी में कांग्रेस नेता ने साफ कहा है कि इस समय देश कई परेशानियों से जूझ रहा है। महंगाई चरम पर पहुंच गई है, युवा बेरोजगार हैं, किसान कर्ज तले दबा जा रहा है और सारी संपत्ति चंद उद्योगपतियों के पास रह गई है।