हरियाणा के पानीपत में हुए बम धमाकों के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा शुक्रवार को बरी कर दिया गया। सरकारी एजेंसियां उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सकीं। 1997 में ओल्ड सब्जी मंडी और किला रोड लाल मस्जिद के बाहर बम धमाके हुए थे। इसमें लगभग आठ लोग घायल भी हुए थे।
जिसमें सात आठ लोग घायल हुए थे। इस मामले में 70 व 71 नंबर FIR दर्ज की गई थी। 70 नंबर FIR में कुल 42 गवाह थे। जिसमें केस के दौरान 34 गवाह कोर्ट के सामने पेश हुए। वही 71 नंबर FIR में कुल 38 गवाह थे। इसी मामले अब्दुल करीम टुंडा जेल में थे। सरकारी एजेंसियां कोर्ट के सामने अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाईं, जिसके चलते कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया।
बचाव पक्ष के वकील विनीत वर्मा ने बताया कि अब्दुल करीम उर्फ टुंडा पर बम बनाने, ट्रेनिंग देने व ब्लास्ट करवाने सहित षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप थे। लेकिन पुलिस कोर्ट में किसी भी आरोप को साबित नहीं कर पाई। इसलिए कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। यह कह सकते हैं कि सबूतों के अभाव में बरी हुआ है।