कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बढ़ती महंगाई को लेकर पीएम मोदी को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश की सरकार ने पहले ही दिन आम आदमी को झटका दे दिया। बीजेपी सरकार ने बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 25 रुपए और बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 1.23 रूपए बढ़ा दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि पार्टी के सिर्फ 52 लोकसभा सदस्य हैं लेकिन हम अपने संविधान और संस्थानों की रक्षा के लिए बहादुर दिल वाले शेरों के गौरव की तरह काम करेंगे और निडर होकर प्रमुख विपक्षी दल के रूप में अपना कर्तव्य निभाएंगे। संसद में बीजेपी का कोई वॉकओवर नहीं होगा।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “अमेरिकी सरकार द्वारा भारत का ‘स्पेशल ट्रेड स्टेटस’ को 5 जून 2019 से वापस लिया जाना देश के व्यापार और देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घण्टी है। क्योंकि, यह सीधे-सीधे भारत द्वारा अमेरिका को किए जा रहे $54 बिलियन के निर्यात को प्रभावित करता है। भारत को यह स्पेशल स्टेटस इंदिरा गांधी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए 24 नवंबर 1975 को मिला था, जो 44 साल बाद 5 जून 2019 से वापस लिया जा रहा है।”
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बढ़ती महंगाई को लेकर पीएम मोदी को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश की सरकार ने पहले ही दिन आम आदमी को झटका दे दिया। बीजेपी सरकार ने बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 25 रुपए और बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 1.23 रूपए बढ़ा दी है। लगातार चौथे महीने रसोई गैस के दाम बढ़े हैं।
उन्होंने आगे कहा, “16 मई 2014 को सब्सिडी वाला जो सिलेंडर दिल्ली में 412 रुपए में मिलता था, वो अब 497.37 रुपए का हो गया है। यानी पिछले पांच सालों में 85.37 रुपए की वृद्धि हुई है। एक परिवार साल के 12 सिलेंडर खरीदे, तो यह वृद्धि 1024.44 रुपए होती है। इसका सबसे ज्यादा असर हमारी गृहिणियों पर पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा, “गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर दिल्ली में 16 मई 2014 को 414 रुपए में मिलता था, उसकी कीमत अब 737.50 रुपए हो जाएगी यानी 323.50 रुपए की वृद्धि। 12 सिलेंडर खरीदने पर एक परिवार को 3882 रुपए अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी ने अपने पहले कार्यकाल में सब्सिडी छोड़ने के लिए ‘give it up’ स्कीम शुरू की थी, जिसमें सवा करोड़ परिवारों ने सब्सिडी छोड़ी थी। उस समय सिलेंडर की कीमत ₹323.50 थी, जो अब ₹737.50 हो गई है। क्या यह उज्ज्वला की गृहिणियों के साथ-साथ उन सवा करोड़ परिवारों के साथ अन्याय नहीं है?