श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से हुए गैंगरेप और हत्या के मामले में कई नई जानकारियां सामने आईं हैं। बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या के प्रमुख आरोपियों में से एक सांजी राम ने पुलिसिया पूछताछ में कबूला है कि उसने बच्ची की हत्या की योजना अपने बेटे को बचाने के लिए बनाई थी।
जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान सांजी राम ने बताया कि उसे इस घटना की जानकारी 13 जनवरी को मिली थी जब उसके भतीजे ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। उसने जांच अधिकारियों को यह भी बताया कि उसने ‘देवीमंदिर’ में पूजा की और भतीजे को प्रसाद घर ले जाने को कहा, लेकिन उसके देरी करने पर उसने गुस्से में उसे पीट दिया।
पूछताछ में यह भी पता चला कि नाबालिग ने उसे मारे जाने की वजह के बारे में उसने सोचा कि उसके चाचा को लड़की से बलात्कार किए जाने की बात पता चल गई है और उसने खुद ही सारी बात सांजी राम को बता दी। उन्होंने बताया कि उसने अपने चचेरे भाई विशाल (सांजी राम का बेटा) को इस मामले में फंसाया और कहा कि दोनों ने मंदिर के अंदर उससे बलात्कार किया।
इन सभी खुलासे के बाद सांजी राम ने तय किया कि बच्ची को अब मार दिया जाना चाहिए, ताकि बखरवाल मुस्लिम समुदाय को भगाने के अपने मकसद को हासिल किया जा सके लेकिन तब तक बच्ची की बात समाज में फैल चुकी थी। वह बच्ची को हीरानगर नहर में फेंकना चाहते थे, लेकिन गाड़ी का इंतजाम नहीं हो पाया और वह बच्ची को वापस मंदिर ले आए।
फिर सांजी राम ने 14 जनवरी को बच्ची की हत्या कर दी क्योंकि वह अपने बेटे पर किसी तरह आरोप नहीं चाहता था। फिर उसने बेटे को इस मामले में बचाने के लिए भतीते से जुर्म स्वीकार कराया। उसने भतीजे को यह विश्वास दिलाया कि वह उसे जल्द ही जेल से निकाल लेगा लेकिन तब तक बात मीडिया में आ चुकी थी और मामला तूल पकड़ चुका था।
वहीं, सांजी राम की तरफ से वकील अंकुर शर्मा ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उसने कहा कि वह अपने बचाव के लिए कौन सी रणनीति अपना रहे हैं वह बता नहीं सकते है।