सरकार आधार की सुरक्षा को लेकर संसद से लेकर कोर्ट तक में कितने ही दावे कर ले लेकिन आधार लीक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताज़ा मामला आंध्रप्रदेश हाउसिंग कॉरपोरेशन की वेबसाइट का है। NDTV की खबर के मुताबिक, इस वेबसाइट से राज्य के क़रीब 1.3 लाख लोगों के आधार नंबर और उससे जुड़ी जानकारियां लीक हो गईं हैं।
राज्य सरकार ने इस मामले में मीडिया रिपोर्ट को ग़लत ठहराने की कोशिश की लेकिन साथ ही जांच की बात भी कह दी। बता दें, कि इससे पहले भी आधार से जुड़ी जानकारी लीक होने के मामले सामने आ चुके हैं।
‘द ट्रिब्यून’ अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कैसे सिर्फ 500 रुपये में किसी के भी आधार से जुड़ी जानकारी मिल रही है। मंगलवार को जब हैदराबाद स्थित साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर श्रीनिवास कोडाली की नज़र इस डेटा लीक पर पड़ी तो उन्होंने कॉर्पोरेशन को इसकी जानकारी दी, तब जाकर अधिकारियों ने आधार नंबरों को छुपाने की कोशिश की।
दरअसल, इस वेबसाइट पर आंध्रप्रदेश के 51 लाख, 66 हज़ार 698 लोगों के बैंक एकाउंट नंबर और उनकी जाति धर्म के आकड़े हैं। आंध्रप्रदेश स्टेट हाउसिंग कॉर्पोरेशन ने ये सारा ब्योरा आधार से जोड़ा हुआ है।
नीति विशेषज्ञ ने कहा कि इस डेटा लीक का ज़्यादा ख़तरनाक पहलू है इसका सर्च फीचर है, जिससे धर्म और जाति के आधार पर लोगों की लिस्ट तैयार की जा सकती है और जियो टैगिंग की वजह से उनके रहने की जगहों का भी पता लग सकता है। जानकारों का कहना है कि इस तरह का डेटा लीक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकता है।