बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी का गुजरात मॉडल यूपी के पूर्वांचल की भी अति-गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने में थोड़ा भी सफल नहीं हो सका, जो घोर वादाखिलाफी है। मोदी-योगी की डबल इंजन वाली सरकार ने विकास के बजाए केवल जाति और साम्प्रदायिक उन्माद, घृणा और हिंसा ही देश को दिया है, जो अति-दुःखद।”
बीएसपी प्रमुख ने एक के बाद एक ट्वीट किए और कहा कि वाराणसी सीट पर पीएम मोदी की ऐतिहासिक हार होगी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वाराणसी 1977 का रायबरेली दोहराएगा। अब बारी पीएम नरेंद्र मोदी की है। लगता है कि वाराणसी में भी 1977 के रायबरेली जैसा परिणाम होगा। वहां इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री रहते शिकस्त झेलनी पड़ी थी। 1977 में रायबरेली सीट से इंदिरा गांधी को जय प्रकाश नारायण ने हरा दिया था।
बसपा मुखिया मायावती ने आज बुद्ध पूर्णिमा पर गौतम बुद्ध की जयंती पर लोगों को शुभकामना देने के साथ पीएम मोदी पर निशाना साधा। आज मायावती ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने मोदी के वाराणसी में हार की बात कही है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि योगी आदित्यनाथ को तो गोरखपुर ने ठुकरा दिया है और अब क्या वाराणसी 1977 का रायबरेली दोहराएगा। लगता है पीएम मोदी को यहां से ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ेगा।
पूर्वांचल के साथ यह वादाखिलाफी व विश्वासघात तब हुआ है जब पीएम व यूपी के सीएम इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। योगी को तो गोरखपुर ने ठुकरा दिया है तो क्या ऐसे में पीएम श्री मोदी की जीत से ज्यादा वाराणसी में उनकी हार ऐतिहासिक नहीं होगी? क्या वाराणसी 1977 का रायबरेली दोहराएगा?
उन्होंने आगे कहा था, “इस चुनाव में जहां तक बंगाल में आये दिन चुनावी हिंसा और बवाल आदि होने का सवाल है तो ऐसा साफ तौर से लगता है कि पीएम मोदी और इनके चेले अमित शाह के नेतृत्व में उनकी पूरी पार्टी ने सोची-समझी रणनीति के तहत ही ममता बनर्जी सरकार को निशाने पर लिया हुआ है।”
सातवें चरण में 19 मई को उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल में महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज में मतदान होना है।