उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के दुदुई रेलवे स्टेशन के नजदीक मानव रहित क्रासिंग पर गुरुवार को सुबह बच्चों से भरी स्कूल वैन के एक पैसेंजर ट्रेन से टकरा जाने के कारण 13 बच्चों की मौत हो गई और सात बच्चे घायल हो गए. सूत्रों के मुताबिक इस स्कूल वैन में 10 साल की उम्र तक के करीब 25 बच्चे सवार थे और अपने स्कूल जा रहे थे.
उत्तर पूर्व रेलवे (एनईआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि कुशीनगर जिले के विशनुपुरा पुलिस स्टेशन अन्तर्गत दुदुई रेलवे स्टेशन के पास एक मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर गुरुवार सुबह सात बज कर दस मिनट पर बच्चों से भरी एक टाटा मैजिक स्कूल वैन सिवान-गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन (55075) से टकरा गई. टक्कर इतनी जर्बदस्त थी कि इस दुर्घटना में 13 बच्चों की मौत हो गई. यह ट्रेन सिवान से गोरखपुर आ रही थी. उन्होंने बताया कि मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर एक मानव रहित क्रासिंग मित्र तैनात था. जिसने वैन ड्राइवर को रोकने की कोशिश की लेकिन उसने बात अनसुनी कर दी.
चालक ने क्रासिंग पार करने की कोशिश की लेकिन शायद वैन बीच पटरी पर अचानक पहुंच कर बंद हो गई और यह हादसा हो गया. इस बीच पुलिस कमिश्नर अनिल कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुशीनगर, जिलाधिकारी कुशीनगर घटनास्थल पर पहुंच गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घटना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मिलकर मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. एएनआई के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अभी लग रहा है कि वैन के ड्राइवर की गलती है. उसने कान में इयर फ़ोन लगा रखा था और उसकी उम्र पर भी सवाल है. मामले की जांच होगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी.
यह स्कूल वैन दुदुही बाजार के डिवाइन पब्लिक स्कूल की थी. लखनऊ में प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि दुर्घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है और मृत बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है. वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी सभी मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘स्कूली बच्चों के मौत की दुखद खबर मिली है. मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को घटना का जांच करने का आदेश दिया है. रेलवे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित सहायता राशि से अलग सभी मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देगी.