नई दिल्ली। अमेरिकी फौज के एक पूर्व अफसर ने कहा है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट पाकिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। उनका कहना है कि ये आने वाले समय में खुद को और बढ़ा सकता है। एक कार्यक्रम में श्रीलंका में हुए हमलों पर बोलते हुए यूएस आर्मी के रिटायर अफसर लॉरेंस सेलिन ने कहा कि आईएसआईएस पाकिस्तान में फला-फूला और अब अफगानिस्तान से ऑपरेट हो रहा है।
लॉरेंस ने कहा कि 2010 में जब पाकिस्तान की आर्मी ने ऑपरेशन शुरू किया तो तहरीके तालिबान पाकिस्तान के लोग अफगानिस्तान के ननगरहार चले गए। उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों को आईएसआईएस ने बड़े पैमाने पर भर्ती किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान मे इसका सबसे ज्यादा प्रभाव है लेकिन इनके लिए पाकिस्तान भी कापी मददगार रहा है।
श्रीलंका में बीते 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर भीषण आतंकी हमले में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली थी, हालांकि श्रीलंका की सरकार ने इसमें स्थानीय संगठन का भी हाथ बताया था।
हमलों के बाद से लगातार श्रीलंका में अलर्ट है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को कहा कि ईस्टर के दिन हुए हमलों के लिए जिम्मेदार सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया है या उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि उन्होंने आगाह किया कि देश के सामने अब भी आईएसआईएस आतंकी हमलों की खतरा बना हुआ है।
मालूम हो कि इसी साल जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक भीषण फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये और कई अन्य बुरी तरह घायल हो गये। जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 44 जवान शहीद हो गये। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे।
इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे घात लगाकर हमला किया गया। मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर उस वाहन को चला रहा था जिसमें 100 किग्रा विस्फोटक रखा हुआ था। वह गलत दिशा में वाहन चला रहा था और उसने जिस बस पर सीधी टक्कर मारी उसमें 39 से 44 सुरक्षा कर्मी यात्रा कर रहे थे।